जेबीटी भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों की पात्रता मामला चुनावी साल में सरकार के चुनौती बनता जा रहा है। बीएड बेरोजगार अभ्यर्थी यूनियन के पदाधिकारियों के मुताबिक बीएड अभ्यर्थियों के हक में हाईकोर्ट फैसला दे चुका है बावजूद इसके जेबीटी भर्ती को प्रदेश सरकार की तरफ से उलझाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में अब बीएड अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में फैसले का इंतजार कर रहे है।
बताया जा रहा है कि इस महीने के अंत तक सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा। कोर्ट के फैसले के बाद सरकार को बीएड अभ्यर्थियों की तरफ से आंदोलन का अल्टीमेटम भी जारी कर दिया जाएगा। इस सिलसिले में हिमाचल प्रदेश बीएड बेरोजगार यूनियन की एक बैठक हमीरपुर हुई। इस बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने हिस्सा लिया।
बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि यदि सरकार आगामी दिनों में कोर्ट के फैसले और नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन के निर्णय को दरकिनार करती है तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा। यूनियन के पदाधिकारियों ने यह उम्मीद जताई है कि यदि सुप्रीम कोर्ट निश्चित तौर पर उनके हक मे फैसला सुनाएगा। यूनियन ने कमीशन के साथ ही बैचबाइज आधार पर बीएड प्रशिक्षुओं को जेबीटी भर्ती में मौका देने की मांग उठाई है। यूनियन का दावा है कि बीएड अभ्यर्थियों की प्रदेश में दो लाख संख्या है और यदि लोग तभी सरकार का साथ देंगे जब इनके साथ न्याय होगा।
यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गौतम ने बैठक में हमीरपुर में मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए कहा कि नियमों को दरकिनार कर सरकार की तरफ से भर्ती को उलझाने का प्रयास किया जा रहा है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन एनसीटीई की तरफ से स्पष्ट गाइडलाइन जारी की गई हैं और इन गाइडलाइन पर प्रदेश सरकार अमल नहीं कर रही है। यहां तक हाई कोर्ट फैसला मामने को सरकार तैयार नहीं है। कोर्ट ने जेबीटी भर्ती से स्टे इस आधार पर हटाया था कि जेबीटी के बीएड अभ्यर्थियों को भी इसमें बराबर मौका दिया जाए।
उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला बीएड प्रशिक्षुओं के हक में आएगा। यदि सरकार सशर्त भी बीएड अभ्यर्थियों को जेबीटी में भर्ती का मौका देती है तो भी उसे स्वीकार किा जाएगा। कोर्ट के फैसले के बावजूद यदि बीएड अभ्यर्थियों को जेबीटी भर्ती में मौका नहीं देगी और तो अपने हको के लिए बीएड अभ्यर्थी सड़कों पर उतरेंगे।