मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से जिला कांगड़ा के फतेहपुर और इंदौरा विधानसभा के क्षेत्रों में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। उन्होंने पौंग जलाश्य से आगे की तरफ बाढ़ के कारण फंसे लोगों को निकालने के लिए चलाए गए राहत अभियान का जायजा भी लिया।
इसके पश्चात वह डमटाल और शेखपुरा पहुंचे जहां जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों का निरीक्षण किया और लोगों से बातचीत की। उन्होंने खाद्य पदार्थों, चिकित्सा सुविधा, अन्य आवश्यक दवाओं सहित एंटी-वेनम दवाई पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने राधा स्वामी सत्संग भवन शेखपुरा में स्थापित राहत शिविर में प्रभावितों के साथ भोजन किया।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि पौंग जलाशय के बहाव क्षेत्र में बाढ़ के कारण इंदौरा और फतेहपुर क्षेत्र की 27 पंचायतें प्रभावित हुई हैं, जिनमें से 22 पंचायतें अधिक प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों से अब तक लगभग 1150 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना, सेना, राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस और होमगार्ड को बचाव अभियान में लगाया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन प्रभावित लोगों के लिए मुफ्त आवास और भोजन के अलावा चिकित्सा सहायता की भी व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्षों में यह राज्य की सबसे विनाशकारी प्राकृतिक आपदा है और इससे घरों और फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत और मुआवजे के तौर पर इन क्षेत्रों के लिए एक विशेष पैकेज प्रदान किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने इस आपदा के समय प्रभावितों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाने का निर्णय लिया है और इसके तहत इस क्षेत्र के बाढ़ प्रभावितों को भी बढ़ा हुआ मुआवजा प्रदान किया जाएगा। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए एक लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी और मकानों के पुनर्निर्माण के लिए भी हरसंभव सहायता दी जाएगी।
अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि जिन छात्रों की पढ़ाई प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित हुई है उनके लिए अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री स्थानीय हेलीपैड पर भी गए और आपदा से सुरक्षित निकाले गए प्रवासी मज़दूरों से भेंट कर उन्हें विश्वास दिलाया कि प्रदेश सरकार उनकी सहायता के लिए सभी व्यवस्थाएं करेगी और यदि वे अपने राज्य वापस जाना चाहते हैं तो उसके अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
प्रशासन को इन सभी प्रवासी मज़दूरों को रोज़मर्रा का सामान उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए।
विधानसभा मानसून सत्र के मुद्दे पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश भर में इस आपदा के समय सरकार की प्राथमिकता बचाव और राहत उपाय कर स्थिति को सामान्य करना है।
यदि इस समय सत्र बुलाया जाता है तो बचाव और राहत अभियान में लगे सुरक्षाकर्मियों को विधानसभा से संबंधित कर्त्तव्यों के लिए तैनात करना होगा, जिससे राहत प्रक्रिया में बाधा आएगी।
काठगढ़ शिव मंदिर समिति के अध्यक्ष ओपी कटोच ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए एक लाख रुपये का चेक भेंट किया।
Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…
High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…
NCC Day Dharamshala College: धर्मशाला स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीपीजीसी) में एनसीसी दिवस के उपलक्ष्य…
Kunzum Pass closed: हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को जोड़ने वाला कुंजम दर्रा…
Rahul Gandhi in Shimla: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी…
Mother murders children in Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर थाना क्षेत्र…