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परागपुर गांव को सरकार की नजर-ए-इनायत

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हिमाचल का एक ऐसा गांव जिसे इंडिया का फर्स्ट हेरिटेज वीलेज कहा जाता है। ब्रिटिश काल से बनी ये इमारते आपको इस गांव में आने पर मजबूर कर देगी। जी हां, आझ हम बातकर रहे है हिमाचल के परागपुर गांव की। इस गांव की खासियत है कि यहां अंग्रेजों के जमाने से बना आर्किटेक्चर देखने को मिल जाएगा। प्रागपुर का इतिहास 560 साल पुराना है। इस गांव की स्थापना जसवां शाही परिवार की राजकुमारी प्राग देई ने 16वीं शाताब्दी में की थी, जो कांगड़ा जिले का शाही माना जाता है।
यहां की पुरानी धरोहरों को देखने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं।

यहाँ के भवनों की अद्धभुत नक्काशी को देख कर ऐसा लगता है कि बनाने वाले ने कितनी शिद्दत के साथ इस पर काम किया होगा। गांव में आज पुरानी विरासत की दुकानें, पत्थर की सड़क और किले जैसे घर इस गांव को यूनिक बनाता है। इसके अलावा बाजार बीच बने ऐतिहासिक तालाब की खूबसूरती भी कम नहीं है। राजस्व रिकार्ड 1868 में उर्दू में तालाब के बारे में लिखा है ‘मुद्दत ना मालूम’ जिसका अर्थ है पता नहीं कब बना है।

इसके अलावा इसी गांव के साथ दूसरा गांव गरली है, वहां भी आपको पुरानी सा पुरानी कलाकृतियां देखने को मिल जाएगी।
इस गांव की वास्तुकला यूरोपीय शैली में है। जो इसकी एक खूबी है।
आमिर खान, ऋषि कपूर, नेहा धूपिया और प्रियांशु जैसी हस्तियां इस गांव में आ चुकी है।
इतना ही नहीं, यहां पर कई बॉलीवुड फिल्मों, विज्ञापन और एलबम की शूटिंग हो चुकी हैं इसीलिए इसे मिनी मायानगरी के नाम से भी जाना जाता है।

यहां आपको पुरानी हवेलियां भी देखने को मिल जाएगी, जो प्राचीन समय में व्यापारियों के घर हुआ करती थी।यह गांव आज भी अपनी पुरानी विरासत को जिंदा रखे हुए है। बाद में 20वीं सदी में, सूद परिवार ने बेहतर व्यावसायिक साधनों की तलाश में बाहर जाना शुरू कर दिया, और ये खूबसूरत हवेलियाँ खाली होने लगीं। आज धीरे-धीरे यह खूबसूरत इमारतें खंडहर हो गईं और तो और कई इमारतों की हालत बहुत खराब हो गई हैं।
सरकार की नजर-ए-इनायत अगर इन हवेलियों पर पड़ जाए तो इन पुरानी हवेलियों को फिर से सहेजा जा सकता है।