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राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने दीप प्रज्वलन कर किया ग्रीष्मोत्सव 2025 का शुभारंभ
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पहले दिन ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ थीम पर हुई 150 महिलाओं की महानाटी
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आयोजन में अब दिख रही है भव्यता की कमी, कभी देश-विदेश के दिग्गज कलाकारों का मंच रहा
अंतर्राष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव शिमला 2025 का भव्य शुभारंभ 1 जून को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला, राज्यपाल सचिव सीपी वर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा, पार्षदगण और अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।

उद्घाटन से पूर्व ग्रीष्मोत्सव के पहले दिन ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान पर आधारित महानाटी का आयोजन किया गया, जिसमें शिमला शहरी और मशोबरा प्रोजेक्ट की लगभग 150 महिलाओं ने भाग लिया। इसका उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना बताया गया।
ग्रीष्मोत्सव का आयोजन 1 से 5 जून 2025 तक किया जा रहा है। पहले दिन स्थानीय स्कूलों के छात्रों और स्थानीय कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मनोरंजन किया। शाम की सांस्कृतिक संध्या का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध पार्श्व गायिका निधि रस्तोगी रहीं।

उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला की ओर से हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर राज्यों के सांस्कृतिक दल भी अपने-अपने पारंपरिक नृत्य व गायन प्रस्तुत करेंगे।
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दूसरे दिन हास्य कवि सम्मेलन में अरुण जैमिनी, सुरेंद्र शर्मा, चिराग जैन, शम्भू चौधरी, वेद प्रकाश और डॉ. सीता सागर अपनी हास्य कविताओं से लोगों को गुदगुदाएंगे।
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तीसरे दिन हिमाचली संध्या में पहाड़ी गायक हनी नेगी और गीता भारद्वाज लोक संगीत प्रस्तुत करेंगे।
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चौथी संध्या में फिरदौस बैंड और इंडियन आइडल फेम कुमार साहिल मंच पर उतरेंगे।
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पांचवीं एवं अंतिम संध्या में इंडियन आइडल फेम नेहा दीक्षित, वॉइस ऑफ शिमला विजेता अंजलि नानक और पंजाबी गायक अखिल प्रस्तुति देंगे।

हालांकि, आयोजन की गरिमा को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। अंतर्राष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव, जो कभी लता मंगेशकर, गुलाम अली, पंकज उदास और गुरदास मान जैसे महान कलाकारों का मंच रहा, अब सिर्फ एक स्थानीय आयोजन बनकर रह गया है। स्थानीय लोगों और सांस्कृतिक प्रेमियों का मानना है कि अब प्रशासन इसे केवल औपचारिकता के रूप में निभा रहा है और बजट की कमी का हवाला देकर इसकी भव्यता व अंतर्राष्ट्रीय पहचान को खो बैठा है।



