राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज गेयटी थियेटर शिमला में भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा के 2023 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम और लेखा परीक्षा सप्ताह समारोह का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से जीवन में मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए लोक सेवक के रूप में कर्त्तव्यनिष्ठता के साथ कार्य करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि लोक सेवकों के रूप में वह लोगों के कल्याण व उनके उत्थान के लिए कार्य करने के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि समाज के वंचित लोगों की भलाई की दिशा में संसाधनों का सदुपयोग किया जाना चाहिए। इस प्रयास में नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (कैग) की भूमिका महत्त्वपूर्ण रहती है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक ऑडिट कायमहत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने का एक अवसर प्रदान करता है। इसके माध्यम से महत्त्वपूर्ण सुधारों के लिए सुझाव तैयार किए जाते हैं जिस पर सरकार गंभीरता से विचार करती है। उन्होंने कहा कि कैग सार्वजनिक सेवा वितरण मानकों में सुधार करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ सक्रिय रूप से तालमेल रख कर वित्तीय रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी में हो रहे बदलावों के साथ सामंजस्य स्थापित कर कार्य करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में ज्ञान और सूचनाएं अमूल्य निधि हैं.
जिन्हें उन्होंने अपना कर आप लोक सेवक के रूप में बेहतर कार्य कर सकते हैं। लोक सेवक के रूप में आप निष्ठापूर्वक अपनी संवैधानिक कर्त्तव्यों का निर्वहन करें। राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों को निरन्तर नई सोच के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय लेखापरीक्षा तथा लेखा अकादमी के महानिदेशक मनीष कुमार ने राज्यपाल का स्वागत किया।
राज्यपाल ने ऑडिट सप्ताह के दौरान आयोजित निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया।
उन्होंने राष्ट्रीय लेखापरीक्षा तथा लेखा अकादमी शिमला की कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर प्रशिक्षु अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किये।
प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा) हिमाचल प्रदेश चंदा पंडित ने राष्ट्रीय लेखापरीक्षा तथा लेखा अकादमी द्वारा आयोजित की जा रही गतिविधियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।
प्रशिक्षण निदेशक कंदर्प वी. पटेल ने भी अधिकारियों के पाठ्यक्रम प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दी।
एन.ए.ए. एंड ए. के निदेशक समीर मेहता ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रधान महालेखाकार (अकांउट्स एंड एन्टाइटलमेंट) सुशील कुमार, और अकादमी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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