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गुड़िया न्याय मंच ने कहा- CBI द्वारा की गई गिरफ्तारी संदेह के घेरे में

पी. चंद |

गुड़िया न्याय मंच ने गुड़िया रेप और हत्या मामले में सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी पर संशय व्यक्त किया है। गुड़िया न्याय मंच के सह संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि इस मामले में तथाकथित एक चरानी की गिरफ्तारी जनता के गले में नहीं उतर रही है। सीबीआई की थ्योरी पर कोई भी विश्वास करने को तैयार नहीं है। क्या यह मुमकिन है कि एक साधारण चरानी सीबीआई और पुलिस को 10 महीने तक बेवकूफ बनाता रहा। उन्होंने कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा सीबीआई को हड़काने और अगली पेशी में सीबीआई के निदेशक को हाज़िर होने के आदेश के बाद अचानक इस मामले में तेजी कैसे आ गई। उन्होंने कहा कि क्या यह संयोग है कि उसके एकदम बाद इस मुकद्दमे की परतें एक-एक करके खुलती गईं।

विजेंद्र मेहरा ने कहा कि इस हाई प्रोफाइल मामले में सीबीआई और पुलिस की कार्यप्रणाली शुरू से ही सन्देह के घेरे में रही है। गुड़िया न्याय मंच अब भी इस बात पर कायम है कि इस मामले में प्रभावशाली लोग शामिल हैं और उन्हें बचाने की कोशिश होती रही है। उन्होंने सीबीआई को चेताया है कि वह अपनी कार्रवाई ईमानदारी से करे तथा हिमाचल प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली का अनुसरण न करे। इस घटनाक्रम में पहले ही सीबीआई और पुलिस की भारी किरकिरी हो चुकी है तथा जनता का विश्वास इन दोनों संस्थाओं से टूट चुका है।

मामले की गम्भीरता से जांच करे सीबीआई

उन्होंने सीबीआई से इस मामले की गम्भीरता से जांच करने का आग्रह किया है ताकि, गुड़िया को न्याय मिल सके। उन्होंने कहा है कि जेल में बंद पुलिसकर्मी मोहन लाल ने जो पत्र प्रदेश सरकार और राज्यपाल को लिखा था उसे भी जांच के दायरे में लाया जाए। उन्होंने मांग की है कि सूरज हत्याकांड के दिन डीएसपी के साथ कोटखाई थाने गए ठियोग और मतियाणा पुलिस के तीन पुलिसकर्मियों को भी जांच के दायरे में लाया जाए। इन सभी कड़ियों को एक साथ जोड़कर इस मामले की तह तक पहुंचा जा सकता है।