गुड़िया की बहन को पुलिस पर बिलकुल भी भरोसा नहीं है। उनका कहना है कि ये कैसी पुलिस जिसकी कस्टडी में आरोपी को मार दिया जाता है, ऐसे में न्याय की उम्मीद किससे करें। अपराधियों को पकड़ने की बजाय पुलिस अपराधियों को बचाने में ही लगी रही। उसका कहना है कि गुड़िया के हत्यारों को जो लोग संरक्षण दे रहे हैं उन्हें भी सलाखों के पीछे होना चाहिए। क्योंकि, ऐसे दरिदों को बचाने वाले लोग भी अपराधियों से कम नहीं हैं।
कोटखाई गुड़िया रेप मर्डर मामले में गुड़िया के परिवार वाले सदमे में है। गुड़िया के साथ हुई दरिंदगी से उसकी बड़ी बहन दुःखी है, लेकिन पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली खिलाफ उसमें गुस्से है। उसका गुस्सा जायज़ भी है, क्योंकि जिस तरह से गुड़िया को तड़पा कर मौत के घाट उतारा गया, उन हत्यारों को सज़ा मिलना ही चाहिए।
गुड़िया की बहन का कहना है कि उनका गुस्सा इस बात पर है कि पुलिस ने असल हत्यारों को बचाया। समाज के ऐसे दरिंदों को तो खुद उनके परिवार वालों को पुलिस के हवाले करना चाहिए था। लेकिन, ऐसा न कर अपने रसूख से मामले को दबाने की कोशिश की गई। उसका कहना है कि जब तक असल कातिलों को फांसी पर नहीं लटकाया जाता है, तब तक उनके परिवार को चैन नहीं मिलेगा।