मंडी का गुलाब पिछले 10 सालों से प्रशासन व सरकार के दर पर दो बिस्वा जमीन पाने के लिए भटक रहा है मगर आज दिन तक उसे महज आवदेनों के जवाब के अलावा और कुछ हासिल नहीं हुआ है। गुलाब सिंह लैंड लैस है और इसी आधार पर उसने उपायुक्त मंडी के पास आवेदन कर रखा है। वह पूर्व में रहे मुख्यमंत्रियों वीरभद्र सिंह, प्रेम कुमार धूमल, जय राम ठाकुर व वर्तमान में सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी पत्र लिख कर दो तीन बिस्वा जमीन जो सरकार की भूमिहीनों को मकान बनाने के लिए जगह देने की एक नीति है उसके तहत मांगी है।
हर मुख्यमंत्री ने उसके आवेदन को जिला प्रशासन मंडी को भेजा है और जिला प्रशासन कागज के घोड़े ही अब तक दौड़ा रहा है, कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है। गुलाब सिंह 44 साल का हो गया है और माता विद्या देवी के साथ जैसे तैसे रह रहा है। वह बेरोजगार है और उसकी शादी भी नहीं हुई है। वह मंडी शहर के साथ लगती तल्याड़ पंचायत के गांव देवधार का रहने वाला है, कुछ कमाने के लिए रोजाना मंडी शहर आ जाता है और कार्यालयों के चक्कर काटता रहता है।
उसने सिर ढकने के लिए आशियाना हो इसके लिए अब तक की गई खतो किताबत की प्रतियां दिखाते हुए बताया कि वह वर्ष 2009 से आवेदन कर रहा है। हर मुख्यमंत्री को अपना आवेदन दे चुका है। उसके व अन्य दो आवेदकों उमा देवी जेल रोड़ मंडी व निर्मला देवी पत्नी नरेंद्र पंडोह आवेदन पर 20 सितंबर 2014 को उपायुक्त मंडी ने जिला राजस्व अधिकारी गौरव चौधरी की ओर से उपमंडलाधिकारी नागरिक को पत्र संख्या 46321-24 के तहत लिखा है कि इन लोगों को मकान बनाने के लिए जगह देने की कार्रवाई की जाए।
इनके आवेदनों को जांच के दौरान सही पाकर ही जमीन के लिए पात्र करार दिया गहै मगर हैरानी यह है कि दस साल बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी कड़ी में गुलाब सिंह ने पूर्व भाजपा सरकार के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी आवेदन दिया था जिसे जिला राजस्व अधिकारी मंडी ने 16 दिसंबर 2021 को उपायुक्त मंडी की ओर से उपमंडलाधिकारी मंडी सदर को अपने पत्र संख्या 37291 के तहत लिखा है कि आपके क्षेत्राधिकार में कहीं भी कोई गैर वन भूमि उपलब्ध हो तो उसका प्रस्ताव बनाकर कार्यालय को भेजें ताकि भूमिहीन गुलाब सिंह को मकान बनाने के लिए 3 या 2 बिस्वा जगह दी जा सके। रोचक तो यह है कि हर मुख्यमंत्री की ओर से पत्र आता है और यह पत्र प्रशासन के कार्यालयों में उपर से नीचे तक घूमता रहता है, न गुलाब को जमीन मिली न सिर ढकने के लिए आशियाना ही बना। अब गुलाब 44 का हो गया, शादी भी नहीं हुई है और कोई रोजगार भी नहीं है।
उपायुक्त कार्यालय के बाहर सेरी चांदनी के आस पास बैठता है, लोगों के छोटे मोटे काम करके कुछ कमा लेता है और इसी से अपना व अपनी मां का गुजारा कर रहा है। उसने अब प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जो बेसहारों व इस तरह के दुखियारों की पीड़ा का समझने में पहल कर रहे हैं से गुहार लगाई है कि उसे भूमिहीन के नाते कम से कम 3 या 2 बिस्वा जगह अलाट की जाए ताकि वह इस पर अपना मकान बनाकर अपने व मां के सिर ढकने का इंतजाम हो सके।
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