शिमला में आपातकाल में जो एम्बुलेंस सेवा लोगों की जान बचाती है वह दिन प्रतिदिन खुद बीमार हो रही है। जीवीके कंपनी की कई एम्बुलेंस एक तरफ खराब पड़ी हुई है तो दूसरी तरफ कंपनी कई गाड़ियों में तेल तक नहीं भरवा रही है। परिणामस्वरूप अब एम्बुलेंस सड़क किनारे खड़ी कर दी गई है। 108 और 102 एंबुलेंस संचालक कंपनी जीवीके मनमर्जी से प्रदेश में एंबुलेंस सेवा दे रही है ।
शिमला शहर में ही पिछले दो दिन से 108 एंबुलेंस संजौली के पास खड़ी है। जिसके चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। लोग 108 में एम्बुलेंस के लिए फोन कर रहे हैं लेकिन कंपनी वाले एम्बुलेंस खराब होने का हवाला दे रहे हैं। ज्यादा परेशानी आईजीएमसी से पीजीआई के लिए रेफर मरीजों को ले जाने में हो रही है।
मरीज़ों को मज़बूरन टैक्सियों से अस्पताल लाया जा रहा है। कंपनी की लचर व्यवस्था के चलते पेट्रोल पंप मालिक भी गाड़ियों में तेल डलवाने से मना कर दिया है। 108 एंबुलेंस सेवाओं के ठप्प होने से जिला के अधिकतर इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं।
वहीं, एंबुलेंस चालकों का कहना है कि गाड़ियों में तेल नहीं है जिसके चलते उन्होंने यहां गाड़ियां खड़ी कर दी है। उनका कहना है कि कंपनी को इसके बारे में अवगत करवा दिया गया था लेकिन दो दिन से तेल नहीं डलवाया जा रहा है।