हिमाचल

हमीरपुर: यूक्रेन से सकुशल घर लौटी बेटी, परिजनों ने CM और PM केयर फंड में दान कर जताया आभार

यूक्रेन में युद्ध शुरू होने पर हमीरपुर के चुनहाल गांव की अंकिता एमबीबीएस की पढ़ाई छोडकर सकुशल अपने घर लौटी है । बेटी के सुरक्षित घर लौटने पर परिवार वालों ने खुशी जताने के लिए सरकार का अलग तरीके से धन्यवाद किया है। अंकिता के पिता जेबी सिंह ने सरकार का धन्यवाद जताने के लिए पीएम और सीएम रिलीफ फंड में 31 हजार रूपये का दान दिया है और अंकिता के घर आने पर खुशी जाहिर की है।

गौरतलब है कि अंकिता ठाकुर यूक्रेन के चेरनिबिटीसी शहर में थी। वह अगस्त 2021 में हिमाचल से यूक्रेन के लिए पढ़ाई के लिए गई थी। युद्ध शुरू होने के बाद भारतीय दूतावास की मदद से वह चेरनिबिटीसी शहर से रोमानिया के लिए निकली। रोमानिया बॉर्डर से लगभग 6 किलोमीटर पीछे उन्हें बस से उतार दिया गया और वह भारतीय मेडिकल स्टूडेंट और यूक्रेन के नागरिकों के साथ पैदल सफर कर रोमानिया तक पहुंची। यहां से बस के माध्यम से लगभग 6 से 7 घंटे का सफर कर वह बुचररेस्ट एयरपोर्ट तक पहुंचे। मेडिकल स्टूडेंट अंकिता के पिता पुत्री डा. जेबी सिंह आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र झलेड़ी में बतौर चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं और उनकी माता अनीता देवी गृहिणी हैं।

अंकिता ठाकुर का कहना है कि उनका ना तो फ्लाइट का कोई पैसा लगा है और ना ही बस का किराया। हमीरपुर तक वह निशुल्क पहुंची हैं। उन्हें भारतीय दूतावास की तरफ से काफी मदद मिली है जिसके लिए वह सरकार के आभारी हैं। वहीं, अंकिता ठाकुर ने यूक्रेन में फंसे अन्य छात्रों को भी जल्द से जल्द बाहर निकालने की भारत सरकार से गुहार लगाई है।

अंकिता के पिता जेबी सिंह ने बताया कि बेटी के सकुशल घर लौटने पर बेहद खुश हैं और अपनी खुशी के चलते ही पीएम और सीएम रिलीफ फंड में दान दिया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री राहत कोष में 21000 रुपये और मुख्यमंत्री राहत कोष में 11000 रुपये का चेक भेजा है। जेबी सिंह ने कहा कि भारत सरकार यूक्रेन में फंसे छात्रों बाहर निकालने में पूरा प्रयास कर रही है ।

जेबी सिंह ने बताया कि निजी खर्च पर अपनी बेटी को घर बुलाते तो भी उन्हें 80 से 90 हजार रुपये खर्च करने पड़ते । लेकिन सरकार ने उनकी बेटी की निशुल्क घर वापसी करवाई है इसलिए उन्होंने पीएम रिलीफ फंड और सीएम रिलीफ फंड में दान किया है। उन्होंने अन्य लोगों से भी आह्वान किया है कि सरकार के खजाने में भी अंशदान करें । भारत सरकार यूक्रेन में फंसे बच्चों को भारत लाने में हर सम्भव प्रयास कर रही है।

 

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