शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सरकार ने हमीरपुर कर्मचारी अधीनस्थ चयन आयोग के निलंबन के करीब दो माह बाद आज भंग कर दिया है। हमीरपुर कर्मचारी अधीनस्थ चयन आयोग की सभी तरह की भर्ती प्रक्रिया अब हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (शिमला) देखेगा। हमीरपुर कर्मचारी अधीनस्थ चयन आयोग में जेओए आईटी पेपर लीक के बाद ये फैसले लिए गए हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले 3 साल से हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में भर्तियों में भारी धांधली हुई और लाखों में पेपर लीक कर के बेचे गए। जिसकी जांच करने के बाद यह निकलकर सामने आया है कि हमीरपुर चयन आयोग में भर्तियों में भारी गड़बड़ियां हुई। यहां तक कि जो पेपर हुए हैं जिनके परिणाम आने हैं उनके पेपर भी लीक हुए। अभी मामले की जांच चल रही है और जो भी कर्मचारी इसमें संलिप्त हैं उनके ऊपर कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमीरपुर चयन आयोग के सभी कर्मचारी दूसरे विभागों में भेजे जाएंगे। जब तक जांच पूरी नहीं होती है तब तक भर्ती प्रक्रिया हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ही देखेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में ऊपर से लेकर नीचे तक आयोग में कर्मचारियों व अधिकारियों की, संलिप्तता पाई गई है। आगे जांच के बाद राष्ट्रीय स्तर की भर्ती एजेंसी के माध्यम से हिमाचल प्रदेश भर्तियां करवाई जाएंगी।
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग जेओए आईटी पेपर लीक मामले में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दिसंबर माह के अंत में राज्य की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कामकाज को निलंबित कर दिया था। साथ ही आयोग में सभी चल रही और लंबित भर्तियों को अगले आदेश तक रोक दिया गया था। अब हमीरपुर कर्मचारी अधीनस्थ चयन आयोग को भंग कर दिया गया है। आठ लोगों के खिलाफ़ आज चार्ज शीट दाखिल कर दी गई है।