हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार ने सिरमौर के हाटी समुदाय को दिया जनजातीय का दर्जा. केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के इस फैसले की प्रेस कांफ्रेस कर जानकारी दी है. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है.
मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संविधान में कुछ संशोधन (अनुसूचित जनजाति आदेश, 1950) के लिए संसद में “संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2022” नामक एक विधेयक को मंजूरी दें दी है. हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की सूची में संशोधन करें.
हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की सूची में निम्नलिखित परिवर्तन किये जायेंगे:
“हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र के समुदायों, अर्थात् ‘हाट्टी’ समुदाय को शामिल करना, उन समुदायों को छोड़कर जो पहले से ही हिमाचल प्रदेश राज्य के लिए अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित हैं”.
वहीं, विधेयक के अधिनियम बनने के बाद, हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की संशोधित सूची में नए सूचीबद्ध समुदायों के सदस्य भी सरकार की मौजूदा योजनाओं के तहत अनुसूचित जनजातियों के लिए लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे.
इस तरह की कुछ प्रमुख योजनाओं में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय फैलोशिप, उच्च श्रेणी की शिक्षा, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम से रियायती ऋण, अनुसूचित जनजाति के लड़कों और लड़कियों के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं.
इसके अलावा, वे सरकारी नीति के अनुसार सेवाओं में आरक्षण और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लाभों के भी हकदार होंगे.
आपको बता दें कि हाटी समुदाय 1967 से जनजातीय दर्जा देने की मांग करता आ रहा है. 1967 में केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश के जोनसार एरिया को ट्राइबल का दर्जा दे दिया गया था. जोनसार और गिरीपार एरिया में बीच में सिर्फ टोंस नदी ही है. इसे आधआर बनाते हुए हाटी समुदाय भी ट्राइबल का दर्जा मांग रहा है.