देश-विदेश से शिमला आने वाले सैलानियों के लिए वरदान साबित होने वाले आईएसबीटी-माल रोड रोपवे को लेकर नई आस जगी है। तीन साल से लटके पड़े प्रोजेक्ट को अंजाम तक पहुंचाने के लिए हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए हैं।
हाईकोर्ट ने अंतरराज्यीय बस टर्मिनल टूटीकंडी से शिमला के केंद्र बिंदु माल रोड तक रोपवे निर्माण मामले में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। अदालत ने साथ ही इस कमेटी को आदेश दिए हैं कि वह इस रोपवे के निर्माण के बारे में सभी संभावित और प्रभावी कदम उठाये।
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बता दें कि इस संदर्भ में एक मीडियाकर्मी ने हाईकोर्ट को पत्र लिखा था। उस पत्र पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने ये फैसले दिए हैं। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र में आरोप लगाया गया है कि आईएसबीटी से माल रोड तक रोप-वे का निर्माण करने के लिए साल 2015 में नगर निगम शिमला और ठेकेदार के मध्य समझौता हुआ था। तीन साल का समय बीत गया, लेकिन अभी तक इस प्रोजेक्ट पर कोई भी प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है।
हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि समय के इस दौर में जन सुविधाओं में बढ़ोतरी किया जाना चाहिए। हिमाचल की राजधानी शिमला एक विश्वविख्यात पर्यटन स्थल है और यहां हर रोज सैंकड़ों सैलानी आते हैं। सैलानियों सहित आम जनता की सुविधा के लिए ऐसी परियोजनाओं का निर्माण जरूरी है
बता दें कि ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए ये रोप-वे तैयार करने के प्रोजेक्ट पर सहमति हुई थी। इसके जरिए शिमला आने वाले सैलानी आईएसबीटी से सीधे माल रोड तक पहुंच सकेंगे। शुरुआत में इस प्रोजेक्ट की लागत 250 करोड़ रुपए आंकी गई थी, लेकिन अब ये लागत बढ़ेगी। फिलहाल, हाईकोर्ट के आदेश पर गठित कमेटी से इस दिशा में एक कदम और बढ़ा है।