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हिमाचल में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कसी क़मर

पी. चंद, शिमला |

हिमाचल प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर का असर कम होने लगा है। कोरोना मामलों सहित मृत्युदर की रफ़्तार में कमी दर्ज़ की जा रही है। जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने कोरोना कर्फ्यू की बंदिशों में छूट दी है। भले ही दूसरी लहर से हिमाचल प्रदेश को राहत मिल गई है। लेकिन दूसरी लहर ने 2500 से ज़्यादा जिंदगियों को कोरोना ने लील लिया। पहली लहर में मौतों की ये संख्या लगभग 900 थी। यानी कि दूसरी लहर में मौतों का आंकड़ा क़रीब चार गुना बढ़ गया। जबकि मामले तीन गुणा ज़्यादा बढ़े। हिमाचल में कोरोना से 13 जून तक 3375 लोंगो की मौत हो चुकी है जबकि 1 लाख 98 हज़ार से ज्यादा पॉजिटिव हो चुके हैं।

हिमाचल प्रदेश ने दूसरी लहर से तो मुश्किल से निबट लिया लेकिन तीसरी लहर इससे भी अधिक घातक हो सकती है। क्योंकि तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने की बात कही जा रही है। एनएचएम के मिशन डायरेक्टर निपुण जिंदल का कहना है कि बच्चों में तीसरी लहर का ज़्यादा असर होने की मुख्य वजह इस आयुवर्ग के वैक्सीनेशन का न होना है। क्योंकि अक्टूबर माह तक 18 साल से अधिक आयुवर्ग की अधिकतर संख्या का टीकाकरण हो चुका होगा। जिसको देखते हुए हिमाचल प्रदेश में तैयारी शुरू कर दी है।

भारत सरकार से हिमाचल को 6 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट मिले हैं। इसके अलावा जिला स्तर तक सभी अस्पतालों को तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। बच्चों की चिकित्सा के लिए हर जरूरी उपकरणों को चुस्त दरुस्त करने की बात भी कही गई है।