<p>स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने आज जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बहुत सी कमियां सामने आई। निरीक्षण के दौरान आयुषमान योजना के तहत मरीजों को दी जाने वाली मुक्त स्वास्थ्य सुविधाओं का एक मामला भी मंत्री के ध्यान में आया। एक मरीज के पास आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद भी उसे बाहर से दवाइयां मगवानी पड़ी। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कड़ा संज्ञान लेते हुए हॉस्पिटल प्रशासन को हिदायत दी की इस तरह मामले दोबारा सामने नहीं आने चाहिए। उन्होंने हॉस्पिटल प्रशाशन को आदेश दिया कि जो सरकार द्वारा योजनाएं लोगों को दी जा रही हैं उन लोगों को सही तरीके से उसका लाभ मिलना चाहिए।</p>
<p>चंबा मेडिकल कॉलेज में पिछले कई महीनों से डॉक्टर छोड़कर जा चुके हैं जिसकी वजह से यहां की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमराई हुई हैं। जब स्वास्थ्य मंत्री से इस बारे में पूछा गया तो उनका सबसे पहला जवाब यही था कि वह इस मेडिकल कॉलेज में कमियां देखने के लिए नहीं आए हैं। हॉस्पिटल को और किस तरह से बढ़िया तरीके से चलाया जाए यह देखने के लिए वह यहां आए हुए हैं।</p>
<p>मंत्री ने कहा कि मेरा मेडिकल कॉलेज का ही औचक निरीक्षण नहीं है वल्कि मैं पूरे हिमाचल प्रदेश में छोटे से छोटे स्वास्थ्य केंद्रों में भी बिना बताए इस तरह के निरीक्षण करने जाता हूं और यह मेरा रूटीन का निरीक्षण था। यहां कमी तो है लेकिन यहां बहुत कुछ बढ़िया भी हो रहा है और प्रदेश में इस मेडिकल कॉलेज को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए रेगुलर डॉक्टरों की मंजूरी कैबिनेट से मिल चुकी है और आने वाले समय में यहां पर और डॉक्टर तैनात किए जाएंगे।</p>
<p>मेडिकल कॉलेज के आउटसोर्स कर्मचारियों को 3 महीने से वेतन नहीं मिल पा रहा है जब उनसे इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ऐसे ही लोगों की जेब में पैसे नहीं डाल देती है। इन्हें वेतन क्यों नहीं मिल रहा है उसकी जानकारी ली जाएगी और किसी के भी हक को हम छीनना नहीं चाहते हैं और अगर किसी का हक है तो उन्हें दिया जाएगा। कॉलेज में टेंडर प्रक्रिया के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि टेंडर प्रक्रिया विभाग का कार्य और कहीं किसी जगह नजर अंदाज किया जा रहा है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।</p>
<p>मंत्री ने कहा कि बहुत से मामलों में यहां छानबीन की जा रही हैं और प्रदेश सरकार द्वारा उस छानबीन को अंतिम प्रक्रिया तक ले जाने के लिए फैसले भी किए हैं। चंबा अस्पताल में डायलिसिस मशीन लगने के बाद भी उसे कार्य में नहीं लाया जा रहा है जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मशीन इंस्टॉल कर दी गई है और जल्दी डॉक्टर मुहैया करवाया जायेगा और लोगों को जल्द ही इसकी सुविधाएं दी जाएंगी।</p>
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