मुख्य बिंदु
Shimla: हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों का नए सिरे से वरिष्ठता आकलन किया जाएगा, लेकिन इस प्रक्रिया से संबंधित वित्तीय लाभ अगले आदेश तक नहीं दिए जाएंगे। राज्य सरकार अनुबंध सेवाओं को वरिष्ठता और अन्य वित्तीय लाभों के लिए आंके जाने के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का इरादा रखती है और इसके लिए LLP दायर करेगी। यह निर्णय मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में लिया गया।
सभी विभागों से रिपोर्ट मांगी गई है कि कितने कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें वित्तीय लाभ मिल सकते हैं। अनुबंध सेवाओं को वरिष्ठता लाभ देने के प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के एक फैसले के खिलाफ सरकार पहले हाईकोर्ट गई थी, लेकिन वहां हार गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई, जहां भी सरकार को नाकामी का सामना करना पड़ा।
क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने:सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल का निर्णय सही था कि अनुबंध के आधार पर दी गई सेवाओं को नियमितीकरण के बाद वरिष्ठता और अन्य लाभों के लिए गिना जाना चाहिए। इस निर्णय से राज्य सरकार पर वरिष्ठता को नए सिरे से तय करने की कानूनी मजबूरी आ गई है। यह मामला पहले राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से संबंधित था, लेकिन अब यह सभी विभागों पर लागू होगा। अनुबंध सेवाओं को नियमितीकरण और अन्य लाभों के लिए आंके जाने से हजारों कर्मचारियों की पदोन्नतियों पर तलवार लटक गई है, जिससे उन्हें दिए गए वित्तीय लाभों की भी रिकवरी की जा सकती है।
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