भू-राजस्व की धारा-118 के मामले में कथित लेन-देन के आरोपों से घिरे राज्य चुनाव आयुक्त और पूर्व मुख्य सचिव पी। मित्रा के वायस सैंपल लेने पर आज यानी बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 7 दिसंबर का दिन निर्धारित किया है। जांच एजेंसी विजीलेंस ने इससे पहले 30 अक्टूबर को कोर्ट से पी. मित्रा के वायस सैंपल लेने की इजाजत मांगी थी।
गौरतलब है कि पी. मित्रा पर साल 2010-11 में धारा-118 की अनुमति देने के एवज में रिश्वत लेने का आरोप है। उस वक्त राज्य में बीजेपी की सरकार थी और मित्रा राजस्व विभाग के प्रधान सचिव थे। मामले में दो कारोबारियों पर घूस लेने और उसे आगे अफसरों को देने का आरोप है। विजिलेंस ने इस मामले में मित्रा की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। अवैध लेन-देन से जुड़ी मित्रा की फोन पर बातचीत के अंश भी विजीलेंस के हाथ लगे हैं और इनकी पुष्टि करने के लिये विजीलेंस मित्रा के वायस सैंपल लेना चाह रही है।
खास बात यह है कि पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी मित्रा राज्य के मुख्य सचिव रहे हैं। विजिलेंस धारा-118 से जुड़े मामले में बीते सितम्बर माह में मित्रा से दो बार पूछताछ कर चुकी है। साथ ही जांच एजेंसी ने सरकार से उनको आरोपी के तौर पर छानबीन में शामिल करने की अनुमति भी मांगी है, हालांकि इस पर अभी सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए विधि विशेषज्ञों से भी विचार विर्मश किया जा रहा है।