हिमाचल प्रदेश में आफ़त की बारिश जारी है। बीते 24 घंटों में हुई इस बारिश के चलते जानो-माल की काफी हानि हुई है। अभी तक 16 लोग काल के गाल में समा चुके हैं। बारिश की सबसे ज्यादा मार शिमला में दिखाई दे रही है। जानकारी के मुताबिक शिमला में इससे पहले 1901 में ऐसी मूसलाधार बरसात हुई थी। अब 117 साल बाद बारिश ने अपनी रिकॉर्ड तोड़ी है।
हालांकि, 1901 के मुक़ाबले शिमला आज के दौर में कई गुना ज्यादा आबादी से भर गया है। निर्माणकार्य और भीड़ की वजह से इस बार नुकसान भी काफी बड़े पैमाने पर है। कई जगहों को तो राजनैतिक लाभ के लिए ईंट और कंकरीट के जंगल के तौर पर विकसित कर दिया गया।
इस बार कि बारिश ना सिर्फ शिमला बल्कि समूचे हिमाचल में हाहाकार मचाए हुए है। अगर पूरे हिमाचल में बारिश की बात करें तो 2011 के बाद से समूचे हिमाचल में मूसलाधार बारिश हो रही है।
स्थिति पर मुख्यमंत्री बनाए हुए हैं नज़र
मीडिया से मुख़ातिब होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों की बैठक ली गई है। आईपीएच और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को ख़ास निर्देश दिए गए है। इसके तहत युद्ध स्तर पर तय समय के भीतर बंद पड़े मार्गों को सही करना है। साथ ही पानी तथा बिजली की सप्लाई बिना रुके लोगों तक पहुंचे इसके भी निर्देश दिए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा की वजह से कई जगहों पर बिजली और पानी की सप्लाई ठप है। लेकिन, उनकी निगरानी में इसे ठीक करने का काम जारी है। उन्होने कहा कि कई जगहों पर खराब पड़ी बिजली को ठीक कर दिया गया है। जबकि, पानी की समस्याओं पर भी काम जारी है। उन्होंने जानकारी दी है कि वे खुद राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
यहां देखें- दिल दहला देने वाला तबाही का मंजर