हिमाचल के ज्यादातर हिस्सों में बीती रात से बारिश हो रही है। जिला कांगड़ा, शिमला और मंडी में रात को भारी बारिश हुई। इससे लैंडस्लाइड से 115 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई है। शिमला को लोअर हिमाचल से जोड़ने वाला नेशनल हाइवे भी शिमला के चक्कर के पास सुबह अवरुद्ध हो गया था, जिसे करीब चार घंटे बाद बहाल किया जा सका।
ऐसे में तब तक सड़क किनारे दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारे लग गई थी। उधर, शिमला को करसोग से जोड़ने वाला हाइवे भी सड़क पर मलबा आने के बाद बगशयाड़ में बंद हो गया। इसे भी अब बहाल कर दिया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 9 जुलाई तक लगातार बारिश होने की संभावना है। खासकर कल और परसों कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। इसके साथ ही अब मानसून धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है। पांच जिलों शिमला, मंडी, सोलन, बिलासपुर और ऊना में पिछले 48 घंटों के दौरान अच्छी बारिश हुई है। इससे खासकर मंडी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में काफी तबाही मची है। मंगलवार रात को मंडी में हुई भारी बारिश के कारण पंडोह के पास मनाली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे फिर खतरे की जद में आ गया है।
यहां एनएच 1 फीट नीचे धंस गया है। वहीं करीब 45 करोड़ की लागत से बना पुल भी धंस रहा है। कटौला कैंची के पास पहाड़ी से मलबा आने के कारण हाईवे को वन वे कर दिया गया है। सराज में एक कार और बाइक मलबे में दब गई और एक मकान को भी नुकसान पहुंचा है।
हालांकि अब तक मानसून कमजोर रहा है। प्रदेश में पूरे मानसून सीजन के दौरान एक जून से 3 जुलाई तक नॉर्मल से 44 प्रतिशत कम बारिश हुई है। किन्नौर जिला में नॉर्मल से 63 प्रतिशत और शिमला में 24 प्रतिशत कम बरसात हुई है।
प्रदेश में बीते एक सप्ताह के दौरान यानी 26 जून से 3 जुलाई के बीच नॉर्मल से 12 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस दौरान मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला और ऊना जिला में नॉर्मल से ज्यादा बारिश हुई है। अन्य सभी जिलों में नॉर्मल से कम बादल बरसे हैं।
मंडी जिला में नॉर्मल से 56 प्रतिशत ज्यादा, शिमला में 54 प्रतिशत, हमीरपुर में 31% और ऊना व बिलासपुर में 15-15% ज्यादा बारिश हुई है, जबकि चंबा में 14% कम, कांगड़ा में 11%, किन्नौर में 56%, कुल्लू में 53%, लाहौल स्पीति में 92%, सिरमौर में 57% और सोलन में 25% कम बारिश हुई है।