<p>IGMC शिमला में सरकाघाट के कोरोना संक्रमित मरीज की मौत और उसके दाह संस्कार में लापरवाही पर एक वकील द्वारा दायर जनहित याचिका पर हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। इस मामले पर कोर्ट ने प्रदेश सरकार को एक नोटिस जारी किया है। यह नोटिस मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी और न्यायमूर्ती ज्योत्सना रेवाला दुआ की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव अनिल खाची, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान और नगर निगम शिमला के आयुक्त को जारी किया है।</p>
<p>याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले मंडी जिले के सरकाघाट में एक व्यक्ति कोरोनावायरस से संक्रमित पाया गया था। तत्पश्चात उसे इलाज के लिए IGMC शिमला में स्थानांतरित कर दिया गया जहां उसकी मृत्यु हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एक दिशानिर्देश का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया है कि जिन व्यक्तियों की मृत्यु कोरोनो वायरस के कारण हुई है, उनके रिश्तेदार शरीर को अंतिम बार शरीर के बैग के चेहरे के छोर को खोलकर शव को देख सकते हैं। हालांकि शरीर को छूने या गले लगाने की अनुमति प्रोटोकॉल के अनुसार नहीं है।</p>
<p>यहां यह उल्लेख करने योग्य है कि राज्य ने पहले से ही स्वारघाट के एक युवक की मौत के संबंध में एडीएम बिलासपुर द्वारा मजिस्ट्रियल जांच कराने का फैसला किया है, जिसे इलाज के लिए शिमला रेफर किया गया था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इस मामले में आश्वासन दिया कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।</p>
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