हिमाचल

जनभागीदारी से सफल होगा टीबी मुक्त अभियान: हेमराज बैरवा

Dharamshala TB elimination meeting: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा चलाए जा रहे 100 दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक शनिवार को धर्मशाला अस्पताल के सभागार में डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में जिला कांगड़ा में चलाए जा रहे सौ दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान के दौरान आयोजित की जा रही गतिविधियों के बारे विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा ने 100 दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए जन-जन की भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कही। उन्होंने सभी विभागों को बेहतर आपसी समन्वय के साथ टीबी उन्मूलन के लिए काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान सभी को टीबी मुक्त भारत में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की शपथ भी दिलाई।
उपायुक्त ने बताया कि 100 दिवसीय अभियान के दौरान जनभागीदारी के अंतर्गत सभी विभागों द्वारा टीबी मुक्त भारत अभियान को लेकर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इस दौरान विभिन्न विभाग, गैर सरकारी संस्थाएं, सामाजिक कार्यकर्ता और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के माध्यम से टीबी मुक्त भारत अभियान को लेकर जागरूकता गतिविधियों का आयोजन होगा। सौ दिवसीय टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत जनप्रतिनिधि, युवा, स्वयं सहायता समूह, आंगनवाड़ी, एनसीसी, एनएसएस, रेड रिबन क्लब और टीबी विजेताओं की ओर से जागरूकता, शपथ, रैली, खुली चर्चा आदि गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

घर-घर जाएंगी आशा कार्यकर्ता, दो लाख से अधिक लोगों की होगी स्क्रीनिंग
उपायुक्त कांगड़ा ने बताया कि जिला कांगड़ा में 7 दिसम्बर से चल रहे अभियान में 2 लाख 60 हजार जोखिमपूर्ण आबादियों के लिए आशा कार्यकर्ताओं की टीम घर घर जाकर जानकारी एकत्रित कर रही हैं। जिसमें अब तक 1 लाख 20 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि टीबी लक्षण हों या न हों पर टीबी जाँच सबकी होगी।

टीबी के लक्षण न हों तब भी एक्स-रे जांच जरूरी
हेमराज बैरवा ने बताया कि जिले में अब तक 43 निक्षय शिविरों में 2619 व्यक्तियों के एक्स-रे द्वारा जांच की गई है तथा जनवरी 2025 में 34 शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के राष्ट्रीय टीबी सर्वेक्षण 2019-2021 के साथ-साथ देश के अनेक क्षेत्रीय टीबी सर्वेक्षण में निकल कर आया कि आधे टीबी रोगियों में टीबी का कोई लक्षण नहीं था और एक्स-रे जांच होने पर टीबी रोग की पुष्टि हो सकी। उन्होंने कहा कि टीबी के लक्षण हों या न हों, सभी की एक्स-रे जांच होगी, यदि इसमें संभावित टीबी निकलेगी तो टीबी की पक्की जांच (मॉलिक्यूलर टेस्ट) के लिए उनको भेजा जाएगा। जिनको टीबी निकलेगी उनको टीबी के प्रभावकारी इलाज से जोड़ा जाएगा और जिनको टीबी (या संभावित टीबी) नहीं निकलेगी उनका टीबी से बचने का उपचार (लेटेंट टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी) किया जाएगा।

1029 निक्षय मित्र के सहयोग से 11218 पोषण किटें की वितरित
डीसी ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक जिला कांगड़ा में 1029 निक्षय मित्रों ने टीबी के साथ जी रहे व्यक्तियों को 11218 पोषण किटें वितरित की हैं जोकि प्रदेश भर में सर्वाधिक हैं। डीसी ने निक्षय मित्र के रूप में आगे आकर इस जनांदोलन में पोषण किट की सहायता करने वाले निक्षय मित्रों का आभार व्यक्त किया। उपायुक्त ने इस अभियान के अंतर्गत जनप्रतिनिधियों, युवाओं व विभागीय प्रतिनिधियों द्वारा खुली चर्चा करके टीबी से जुड़ी भ्रान्तियों को दूर करने के निर्देश दिए।

*300 टीबी मुक्त पंचायत बनाने का लक्ष्य
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत टीबी ग्राम व खंड स्तर पर टीबी मुक्त पंचायत के फोरम की बैठकें की जाएं। वर्ष 2023 में जिले के 165 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हुईं एवं वर्ष 2024 में 300 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। उपायुक्त बैरवा ने जानकारी देते हुए बताया कि जीपीडीपी के अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों में दस हजार रुपये का प्रावधान किया गया है जिसका उपयोग टीबी जागरूकता से जुड़े गतिविधियों के लिए किया जाए।

लक्ष्य पाने के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित: सीएमओ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश गुलेरी ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2024 में जिला कांगड़ा में 3042 टीबी के मामले खोजे गए हैं जोकि कुल लक्ष्य का 99 प्रतिशत है। पिछले लगभग 10 वर्षों में (2015-2023) के दौरान भारत की टीबी दर में 17.7 प्रतिशत की गिरावट आई है और टीबी मृत्यु दर भी 21.4 प्रतिशत कम हुई है। परंतु अभी भी, विश्व के सभी देशों की तुलना में भारत में सबसे अधिक टीबी रोग है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की नवीनतम टीबी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 28 लाख लोगों को 2023 में टीबी हुई जिनमें से 24 लाख से अधिक को जांच-इलाज मिला। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए आम जनमानस में जागरूकता के साथ साथ सभी का सहयोग अपेक्षित है।

बेहद अहम पहल है 100 दिवसीय टीबी अभियान: डॉ. सूद
बैठक में जिला स्वास्थ्य एवं क्षय रोग कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजेश सूद ने बताया कि भारत सरकार का 100 दिवसीय टीबी अभियान (7 दिसंबर 2024 से 24 मार्च 2025 तक) टीबी उन्मूलन की दिशा में एक सराहनीय कदम है। यह सरकार की ओर से एक देशव्यापी पहल है कि जिन लोगों को टीबी का खतरा सर्वाधिक है या जो लोग अक्सर टीबी या स्वास्थ्य सेवा से वंचित रह जाते हैं, उन तक टीबी की सर्वश्रेष्ठ सेवाएं पहुँचें। जब तक हर टीबी रोगी की सही जांच नहीं होगी तब तक उसे टीबी का प्रभावकारी इलाज कैसे मिलेगा? जब तक उन्हें टीबी का प्रभावकारी इलाज नहीं मिलेगा, तब तक फेफड़े की टीबी फैलती रहेगी और टीबी से पीड़ित लोग भी अनावश्यक पीड़ा झेलते रहेंगे और टीबी मृत्यु का खतरा भी अत्यधिक रहेगा। इसीलिए यह 100 दिवसीय टीबी अभियान अत्यंत अहम है क्योंकि यह उन लोगों तक टीबी सेवाएं पहुँचाने के लिए केंद्रित है जो प्रायः स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में रहते हैं और जिन्हें टीबी की सही जाँच और उचित इलाज नहीं मिल पाता।

यह रहे उपस्थित:इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश गुलेरी, जिला स्वास्थ्य एवं क्षय रोग कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजेश सूद, विभिन्न विभागों के अधिकारी, गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ साथ जिला कांगड़ा के बीएमओ उपस्थित रहे।

Akhilesh Mahajan

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