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विधानसभा में विमल नेगी की मौत का मामला तीसरे दिन भी गरमाया, विपक्ष ने CBI जांच की मांग की
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संसदीय कार्य मंत्री का आरोप- भाजपा इस मुद्दे को भड़का रही है, विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट
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जयराम ठाकुर का बयान- पावर कॉरपोरेशन की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में, निष्पक्ष जांच की जरूरत
Vimal Negi Death Probe: हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत का मामला लगातार तीसरे दिन भी विधानसभा में गूंजता रहा। गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की। हालांकि, स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने शुरू में इसकी अनुमति नहीं दी और कहा कि यदि मुख्यमंत्री इस विषय पर कोई वक्तव्य देना चाहते हैं, तो दे सकते हैं।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बोलना चाहा, लेकिन विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। BJP विधायक रणधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि FIR में एक अधिकारी का नाम दिया गया है, जबकि दूसरे अधिकारी का केवल पदनाम लिखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के चार मंत्रियों ने मृतक के परिजनों को गुमराह किया है और सवाल उठाया कि एक IAS अधिकारी दूसरे IAS अधिकारी की निष्पक्ष जांच कैसे कर सकता है?
CBI जांच की मांग, सत्ता-विपक्ष में तीखी नोकझोंक
विपक्ष ने CBI जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया कि मृतक के परिजनों ने तीन अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं, लेकिन FIR में केवल एक अधिकारी का नाम दर्ज किया गया है।
संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने इस मुद्दे को तूल देने के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया, जबकि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि CBI भाजपा के इशारे पर काम करती है। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।
सीएम सुक्खू का बयान, विपक्ष का वॉकआउट
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “भाजपा की आदत बन गई है छोटी बात को बड़ा बनाना।” इससे नाराज विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
जयराम ठाकुर का आरोप- पावर कॉरपोरेशन संदेह के घेरे में
सदन से बाहर आकर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पावर कॉरपोरेशन की कार्यप्रणाली शुरू से ही संदेह के घेरे में रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस डायरेक्टर देसराज के खिलाफ FIR दर्ज हुई है, उसे पांच अधिकारियों को सुपरसीड करके इस पद पर बैठाया गया था।
उन्होंने आगे कहा कि मृतक के परिजन तीन अधिकारियों (एमडी हरिकेश मीणा, डायरेक्टर देसराज और डायरेक्टर शिवम प्रताप) के निलंबन की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने केवल एक अधिकारी को सस्पेंड किया है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए CBI जांच की मांग दोहराई।



