पिछले 30 घंटों से लगातार बिना रूके जारी बारिश ने हिमाचल को जल थल कर दिया है। चारों ओर तबाही का ही आलम है। आधा दर्जन लोगों की जान चले जाने की भी सूचना रविवार दोपहर तक मिली है। दर्जनों पुल नदियों में आई बाढ़ के साथ बह गए हैं.
सैंकड़ों सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं, कई मकान, दुकानें, वाहन, पेयजल की स्कीमें इस बाढ़ बारिश की शिकार हो गई हैं। तेज बारिश का दौर लगातार जारी है। बारिश के चलते बचाव कार्य भी बाधित हो रहे हैं। चारों ओर हाहाकार मची है।
लोग डर के साए में घरों में ही दुबके हैं मगर घरों के अंदर रहना भी सुरक्षित नहीं लग रहा है। कहीं भी पहाड़ दरक जा रहे हैं, नदी नालों का पानी अंदर घुस रहा है, आफत की यह बरसात लोगों की जिंदगी पर बन आई है। प्रशासन ने लोगों को रेड अलर्ट जारी करते हुए सुरक्षित जगहों पर ही बने रहने की हिदायत दी है। गांव शहरों का संपर्क एक दूसरे से कट गया है।
सभी नदी नाले खतरे के निशान से उपर बह रहे हैं। नदी नालों के किनारे पड़ी या रखी मशीनरी पानी में बह गई है। अभी तबाही का यह आलम जारी है। बारिश रूकने का नाम नहीं ले रही है जिससे तबाही लगातार जारी है। सरकार प्रशासन लोगों को राहत देने के लिए युद्ध स्तर पर जुटी है मगर कुदरत के इस मंजर के आगे सब बौने साबित हो रहे हैं।
अंधाधुंध खनन व अनियोजित विकास, अवैध डंपिंग व फोरलेन के लिए पहाड़ों को छलनी करने का ही यह अंजाम माना जा रहा है। विकास विनाश साबित होने लगा है। यह तबाही हिमाचल प्रदेश को अपनी विकास नीति बनाने के लिए एक संदेश देने वाली है। समय रहते यदि विकास की यह खतरनाक नीति नहीं बदली तो आने वाले दिनों में तबाही का यह आलम और भयंकरतम हो सकता है।
डीसी मंडी ने भारी बारिश व बाढ़ को देखते हुए सोमवार को सभी सरकारी व निजी शिक्षण संस्थानों में छुट्टी की अधिसूचना जारी कर दी है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने भी दो दिन के लिए सभी तय कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं।