मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जनता से भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि दो महीने बाद प्रदेश में चुनाव हैं. हमनें पांच साल गरीब के करीब रह कर उसे सुविधा देने के लिए काम किया, अब चुनाव आएंगे तो जनता के बीच जाना हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक जितने भी मुख्यमंत्री हुए हैं उन्हें पांच साल काम करने का मौका मिला है, वह ही केवल एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्हें 5 साल के शासन में 3 ही साल काम करने को मिले हैं. दो साल तो कोविड में ही निकल गए. एक दौर बिना कोविड के भी उनको मिलना चाहिए.
ऐसा दौर आए कि बिना कोविड का सामना किए पूरे पांच साल काम करें. उन्होंने यह भी कहा कि कोविड में दो साल निकल जाने के बावजूद भी उन्होंने किसी भी मुख्यमंत्री से ज्यादा काम किए हैं. कोई भी आंकड़े उठा कर देख ले, 5 हजार किलोमीटर सड़कें उन्होंने इस कार्यकाल में बनाई जिसमें सामान्य तौर पर काम तो 3 साल ही हुआ जबकि इससे पहले किसी भी मुख्यमंत्री के कार्यकाल में इतनी सड़कें नहीं बनी और भी हर क्षेत्र में दूसरे मुख्यमंत्रियों से ज्यादा काम किया है. उन्होंने कहा कि पहले भी हर कदम पर उन्हें आपका सहयोग मिलता रहा है और अब भी यह सहयोग चाहिए ताकि उन्हें पूरी तरह से 5 साल और काम करने का अवसर मिल जाए.
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जब उन्होंने 60 यूनिट तक बिजली फ्री करने का एलान किया था तो कहते थे कि लोगों को मुफ्तखोर बनाया जा रहा है, इसके बाद उनके नेता दिल्ली से आकर यहां ऐलान करने वाले हैं कि उनकी सरकार आएगी तो 300 यूनिट बिजली फ्री देंगे. एक तो वह इस बात को भूल जाएं कि वह आने वाले हैं. आपके आने की कोई गुंजाइश नहीं है, लोगों को मूर्ख बनाना छोड़ दो, झूठ मूठ के वायदे मत करो, जनता सब जानती है. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री समेत जिले के दस में आठ विधायक मौजूद रहे. जोगिंदरनगर से प्रकाश राणा जो अब भाजपा में आ गए हैं तथा जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह इससे नदारद रहे जबकि मंडी सदर के विधायक अनिल शर्मा, दंरग से जवाहर ठाकुर, सरकाघाट से कर्नल इंद्र सिंह, बल्ह से इंद्र सिंह गांधी, नाचन से विनोद कुमार, सुंदरनगर से राकेश जम्वाल व करसोग से हीरा लाल इस कार्यक्रम में मौजूद रहे.
अनिल शर्मा जो भाजपा व सरकार को लगातार कोसते आ रहे हैं तथा जिनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं इन दिनों जोरों पर हैं, ने इसमें भाग लेकर सबको चौंका दिया. अनिल शर्मा मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले ही स्टेज पर पहुंच गए थे. मुख्यमंत्री आए तो आपस में इनकी राम सलाम हुई मगर फिर तीन घंटे एक साथ बैठे होने के बावजूद भी कोई भी गुप्तगू दोनों के बीच नहीं हुई. ऐसे में यह भी लगा कि भाजपा अनिल शर्मा को लेकर अब ज्यादा रूचि नहीं रखती. अनिल शर्मा की मौजूदगी भले ही एक विधायक के तौर पर रही हो मगर इससे पहले कई सरकारी कार्यक्रमों से नदारद रहते आए हैं. उनके कांग्रेस में जाने की अटकलों के बीच इस कार्यक्रम में भाग लेना चर्चा का विषय रहा. महेंद्र सिंह व प्रकाश राणा के न आने को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े हुए हैं.