शिक्षा के क्षेत्र में आजादी के बाद देश के साथ साथ हिमाचल प्रदेश ने लंबी छलांग लगाई है. हिमाचल प्रदेश के गठन के समय प्रदेश की साक्षरता दर केवल 4.8% थी जबकि आज 83% हो गई है. उस समय केवल 350 स्कूल कॉलेज हिमाचल में थे जबकि आज 16 हजार से अधिक शिक्षण संस्थान हो गए हैं. भाजपा ने 2017 के मेनिफेस्टो में शिक्षा में गुणात्मक सुधार करने की बात कही थी जिसे शत प्रतिशत पूरा किया गया है.यह बात शिमला में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने प्रेस वार्ता के दौरान कही.
कांग्रेस ने महज राजनीतिक लाभ के लिए खोले शिक्षण संस्थान
सुरेश भारद्वाज ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए अंतिम वर्ष में बिना बजट के स्कूल कॉलेज खोले लेकिन भाजपा ने बजट का प्रावधान कर स्कूल कॉलेज खोले हैं. कांग्रेस सरकार में छात्रवृत्ति घोटाला हुआ जिसकी भाजपा ने सीबीआई जांच करवाई और सच्चाई जनता के सामने लाई. जयराम सरकार में शिक्षा को सबसे अधिक 8,412 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है.
भाजपा ने 2017 के विजन डॉक्यूमेंट में भी गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की बात कही थी. सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी शिक्षा की कक्षाएं भी शुरू की गई है.4 हजार स्कूलों में इसको शुरू कर दिया गया है जबकि 4 हजार अन्य स्कूलों में शुरू करने जा रही है. शिक्षा प्रदान करने में हिमाचल प्रदेश देश में आज चौथे स्थान पर है.
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