शिमला: स्थानीय महिलाओं ने बढ़ती बेरोज़गारी और महंगाई के चलते इस आर्थिक मदद को समय की मांग बताया और इस योजना को लेकर महिलाओं में काफ़ी उत्साह भी देखने को मिला, महिलाओं ने बढ़चढ़ कर गारन्टी फर्म भरे.
हिमाचल प्रदेश में 49.27 प्रतिशत आबादी महिलाओं की है। जैसा कि आमतौर पर पहाड़ों में होता है, ग्रामीण इलाक़ों में महिलाएं घरेलू कामकाज से लेकर पारिवारिक कारोबार में पुरुषों का बराबरी से सहयोग करती हैं। प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनकी भागीदारी भी अच्छी खासी है। लेकिन आर्थिक आत्मनिर्भरता के मामले में वे पीछे छूट जा रही हैं।
जैसा कि देश के हर हिस्से में है, हिमाचल प्रदेश में भी इस आधी आबादी के श्रम का कोई मूल्यांकन नहीं होता। इसलिए अधिकांशत: उनके हाथ में नक़द राशि नहीं होती और वे आर्थिक रूप से परिवार के पुरुष सदस्यों पर ही निर्भर होती हैं। कांग्रेस पार्टी चाहती है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त किया जाए जिससे वे पारिवारिक ज़िम्मेदारियों को और सार्थक ढंग से निपटा सकें।
इसलिए हमने यह गारंटी देने का फ़ैसला किया है कि प्रदेश की महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपए अवश्य मिले। सरकार बनने के बाद हम प्रदेश की महिलाओं के खाते में हर महीने यह राशि पहुंचाएंगे।
अपनी इस मुहिम को हिमाचल की प्रत्येक महिला तक ले जाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने कमर कस ली है। जवाली, देहरा, सुल्लाह, धर्मशाला, हमीरपुर, नादौन, हरोली, झंडूता, घुमारवीन, सोलन विधानसभाओं में आज से कार्यकर्ताओं का एक जत्था, हर घर पहुंच रहा है। अगले 5 दिन के भीतर पूरी 68 विधानसभाओं में डोर टू डोर प्रचार शुरू हो जाएगा।