चेक बाउंस के एक आरोपी को दोष सिद्ध हो जाने पर अदालत ने दो महीने की कैद व एक लाख रूपए हर्जाना भरने की सजा सुनाई है. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर 2 मंडी आभा चौहान ने यह सजा सुनाई है. पंजाब नेशनल बैंक की रिवालसर शाखा के प्रबंधक द्वारा अपने वकील महेश चोपड़ा के माध्यम से यह याचिका दायर की गई थी.
इसके अनुसार लोक पाल पुत्र कृष्ण चंद गांव ठोहा मंझयाली डाकघर रियूर तहसील सदर जिला मंडी ने बैंक से हाउस लोन लिया था जिसे वह लौटा नहीं रहा था. बैंक ने उसे कई बार लोन वापस करने को कहा तो उसने एक चेक बैंक को 76 हजार रूपए का 11 जुलाई 2013 को जारी किया.
यह चेक पंजाब नेशनल बैंक रिवालसर का ही थी मगर आरोपी के खाते में पैसे न होने के कारण यह चेक बाउंस हो गया. महेश चोपड़ा वकील ने बताया कि इस बारे में आरोपी को कानूनी नोटिस भेजे गए तथा बार बार आग्रह किया गया मगर उसने पैसे नहीं भरे. इस पर इस मामले को नेगोशिएबल इंस्ट्ूमेंट एक्ट 1881 की धारा 138 के तहत अदालत में ले जाया गया. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने व सबूतों को देखते हुए आरोप को सही पाया .
इस पर उसे 2 महीने की साधारण कैद व 1 लाख रूपए शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए गए. महेश चोपड़ा ने पंजाब नेशनल बैंक की ओर से इस मामले की पैरवी की व दोष को साबित करने में कामयाब रहे.