➤ हिमाचल में अक्टूबर में अचानक बर्फबारी, पहाड़ों पर ठंड लौट आई
➤ लाहौल-स्पीति के दारचा में 200 से ज्यादा ट्रक फंसे
➤ मौसम विभाग ने 12 जिलों के लिए येलो अलर्ट और तेज हवा की चेतावनी जारी की
अक्टूबर के पहले हफ्ते में हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों ने मिजाज़ बदल लिया है—पहाड़ों पर अर्ली स्नोफॉल ने दिसंबर जैसी सर्दी ला दी है और लोगों की दिनचर्या थम सी गयी है। बीती रात किन्नौर के ऊपरी इलाकों में ताजा बर्फबारी दर्ज की गई, वहीं शिमला, कुल्लू, चंबा और लाहौल-स्पीति के ऊंचे हिस्सों में भी बादलों ने सफेद चादर बिछा दी। मौसम विज्ञान केंद्र, शिमला के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान सामान्य से लगभग 11.5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है और बीते 24 घंटों में औसत में 8.6 डिग्री गिरावट दर्ज हुई है। कुछ स्थानों पर तो तापमान सामान्य से 18 डिग्री तक कम हुआ बताया जा रहा है—चंबा में अधिकतम तापमान सामान्य से 17.8 डिग्री कम रहकर 14.7 डिग्री सेल्सियस पर टिक गया।

ठंड की यह तीव्र कड़ी साफ दिखती है—डलहौजी में अधिकतम 8.1 डिग्री, मनाली में 9.2 डिग्री, शिमला में 16.2 डिग्री, भुंतर में 15.7 डिग्री और कल्पा में 8.5 डिग्री दर्ज किया गया। बर्फबारी के बाद परिदृश्य खूबसूरत तो दिखता है, पर इसके असर ने यातायात और जनजीवन दोनों को थाम दिया है। सबसे चिंताजनक स्थिति लाहौल-स्पीति के दारचा में बनी, जहां सड़क पर फिसलन और बर्फ के कारण 200 से अधिक भारी वाहन—ट्रक—फंस गए; ड्राइवर और वाहन चालकों को वहीं रुकना पड़ा और राहत व मार्ग खोलने की कार्रवाई जारी है।
मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य के 12 जिलों में बारिश व बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने को कहा है। साथ ही अगले 24—48 घंटों में कुछ इलाकों में 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार वाली तेज हवाओं (तूफ़ान) का भी अनुमान है, जिससे सड़कों पर और अधिक फिसलन रह सकती है और जन-जीवन प्रभावित हो सकता है। विभाग ने आगाह किया है कि लोग अनावश्यक यात्रा टालें, उच्च पर्वतीय मार्गों पर वाहन बहाल करने व फंसे हुए वाहन चालकों को सहायता उपलब्ध कराने के कार्य संबंधित विभागों और आपदा प्रबंधन टीमों द्वारा प्राथमिकता से किए जा रहे हैं।
मौसम का यह फेर अगले दिन धीरे-धीरे बदलने की संभावना जताई जा रही है—विभाग के मुताबिक वेस्टर्न डिस्टरबेंस कल से कमजोर पड़ना शुरू होगा और 9 अक्टूबर से मौसम धीरे-धीरे साफ होने की उम्मीद है। फिलहाल, प्रशासन और स्थानीय निकाय स्थिति मॉनिटर कर रहे हैं, मार्ग खोलने और फंसे लोगों की सहायता के लिए मशीनरी व मानव बल सक्रिय रखा गया है। लोगों से निवेदन है कि वे मौसम अपडेट नियमित रूप से देखें और जहां तक हो सके अनावश्यक आवागमन न करें।



