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संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने डीए, एरियर, ओपीएस सहित लंबित मांगों को लेकर बैठक की।
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विभिन्न विभागों में पद समाप्त करने के फैसले का महासंघ ने विरोध जताया।
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सरकार को बजट सत्र से पहले मांगपत्र सौंपने और कर्मचारियों की महापंचायत आयोजित करने का निर्णय।
Employees oppose government job cuts: हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने विभिन्न विभागों में पद समाप्त करने, लंबित डीए और एरियर सहित ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर शिमला में बैठक आयोजित की। प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में शिक्षा, विद्युत, परिवहन, विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विभागों के संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। महासंघ ने सरकार से मांग की कि वह बोर्ड-निगमों के कर्मचारियों को भी ओपीएस का लाभ दे और लंबित डीए तथा एरियर का जल्द भुगतान करे।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि महासंघ सरकार को बजट सत्र से पहले मांगपत्र सौंपेगा और विद्युत बोर्ड में समाप्त किए जा रहे पदों को लेकर कर्मचारियों द्वारा आयोजित महापंचायत में भाग लेकर समर्थन देगा। महासंघ ने सरकार से कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष करने, सभी विभागों में रिक्त पदों को जल्द भरने और गेस्ट फैकल्टी प्रणाली को समाप्त करने की मांग की। महासंघ ने यह भी स्पष्ट किया कि यूपीएस (UPS) प्रणाली को कर्मचारी स्वीकार नहीं करेंगे।
महासंघ ने एचआरटीसी को रोडवेज में तब्दील करने, कर्मचारियों के ओवरटाइम भुगतान की बहाली, सभी विभागों व बोर्ड-निगमों में मेडिकल रिइम्बर्समेंट सुविधा लागू करने और कानूनगो व पुलिस विभाग को स्टेट कैडर में शामिल न करने की मांग की। महासंघ ने निर्णय लिया कि प्रदेश के सभी जिलों में कर्मचारियों और पेंशनर्स की महापंचायत आयोजित की जाएगी और उनकी राय के आधार पर आगामी रणनीति तय की जाएगी।
वीरेंद्र चौहान ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी कर रही है। लंबे समय से लंबित डीए और एरियर का भुगतान नहीं किया गया है, जिससे कर्मचारी वर्ग में नाराजगी है। उन्होंने सरकार से जल्द निर्णय लेने की अपील की और चेतावनी दी कि यदि मांगे पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन तेज किया जाएगा।