Shimla: सब्सिडी का युक्तिकरण करने और राज्य बिजली बोर्ड को बढ़ते घाटे से बचाने के लिए हिमाचल सरकार ने बड़े उद्योगों की बिजली सबसिडी वापस ले ली है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कई बैठकों में यह निर्णय होने के बाद बिजली बोर्ड ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। हिमाचल में अब बड़े उद्योगों को दी जा रही प्रति यूनिट एक रुपए की सबसिडी वापस ले ली गई है। हालांकि 22 केवी उपभोग तक के छोटे उद्योगों के लिए यह सबसिडी बरकरार रहेगी। इन छोटे उद्योगों को और मदद देने के लिए सरकार ने इनकी इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी को भी 16.5 फीसदी से घटाकर 10 फ़ीसदी कर दिया गया है।
हालांकि बड़े उद्योगों के लिए अब यह सबसिडी नहीं मिलेगी। हिमाचल सरकार ने मार्च 2024 में पहली बार यह सबसिडी बिजली टैरिफ पर दी थी। काफी दिनों से राज्य सरकार इस सबसिडी पर दोबारा से विचार कर रही थी। विधानसभा के मानसून सेशन के दौरान भी सदन के भीतर यह मामला उठा था। मानसून सत्र के समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री ने उद्योग मंत्री और बिजली बोर्ड के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की थी। इस बैठक से पहले पड़ोसी राज्यों से भी बिजली टैरिफ की रिपोर्ट ली गई। हिमाचल में राज्य बिजली बोर्ड की ओर से बेची जा रही बिजली का 70 फीसदी हिस्सा उद्योग ही इस्तेमाल करते हैं, जबकि उपभोक्ताओं की संख्या के हिसाब से यह सिर्फ 10 फीसदी के आसपास हैं। उद्योगों की बिजली सबसिडी पर ही राज्य सरकार 800 से 900 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च कर रही थी। इसमें से 600 करोड़ रुपए तक सबसिडी की रिकवरी होने की संभावना है।
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