Himachal dry spell: हिमाचल प्रदेश में सूखे की स्थिति गंभीर होती जा रही है। पिछले 50 दिनों से बारिश का नामोनिशान नहीं है और मौसम विभाग के अनुसार, अगले 25 दिन भी स्थिति में कोई सुधार नहीं होगा। हालांकि, 22 से 24 नवंबर के बीच वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (WD) के सक्रिय होने की संभावना है, लेकिन इसका असर केवल ऊंचाई वाले इलाकों तक सीमित रहेगा।
मौसम विज्ञानी शोभित कटियार ने बताया कि सक्रिय हो रहा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस कमजोर रहेगा, जिससे लाहौल-स्पीति, चंबा, कांगड़ा और कुल्लू के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। प्रदेश के बाकी हिस्सों में मौसम साफ रहेगा।
स्पीति और आसपास के इलाकों में ठंड का असर बढ़ने लगा है। न्यूनतम तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री तक नीचे गिर सकता है। ताबो में न्यूनतम तापमान माइनस 9 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। इससे झीलें और जलस्रोत जमने लगे हैं। अन्य क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री ऊपर या नीचे रहने का अनुमान है।
98% कम बारिश, किसानों पर असर
पोस्ट-मानसून सीजन में प्रदेश में सामान्य से 98% कम बारिश दर्ज की गई है। इस सूखे का सबसे अधिक प्रभाव गेहूं उत्पादक किसानों पर पड़ा है। कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक केवल 37% जमीन पर ही गेहूं की बुवाई हो पाई है, जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में बुवाई का समय 1 नवंबर और मैदानी क्षेत्रों में 15 नवंबर को समाप्त हो चुका है। इससे गेहूं उत्पादन में भारी कमी आने की संभावना है।
पेयजल संकट बढ़ा
ड्राइ स्पेल के कारण पेयजल स्रोत भी सूखने लगे हैं, और जल शक्ति विभाग ने फील्ड से रिपोर्ट मांगी है। पानी का स्तर लगातार गिर रहा है, जिससे लोगों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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