हिमाचल रिन्यूएबल उर्जा में मॉडल प्रदेश बनने की कवायद में हाइड्रोजन इंधन के इस्तेमाल को जल्द ही जारी होने वाली नई उर्जा पॉलेसी में शामिल किया जाएगा। आपको बता दें की नई उर्जा पॉलेसी 2006 की जल उर्जा पॉलेसी को बदलेगी। इस नई पॉलसी में ग्रीन हाइड्रोजन के साथ-साथ ऊर्जा संचय के संसाधन जैसे कि पंप स्टोरेज, बैटरी आदी को भी प्रमोट किया जाएगा।
उर्जा विशेषज्ञों ने बताया कि हाइड्रोजन उर्जा का अनुसंधान अभी भी प्रारंभिक चरण में है। उनका मानना है कि प्रदेश सरकार का ये कदम सही दिशा में है। हाइड्रोजन से ग्लोबल वार्मिंग का कोई खतरा नहीं है। ऊपर से पानी की उपलबध्ता से इसकी कभी कमी भी नहीं हो सकती। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर प्रदेश इसके निवेश में कामयाब होता है तो ये हिमाचल में रोजगार और आय भी बड़ेगी।
प्रदेश इसमें निवेश के लिए, गर्मियों और मानसून में अधिक्य बिजली को हाइड्रोजन उर्जा की कम्पनियों को दोगा ताकि वे जन स्त्रोतों के पास हाइड्रोजन का उत्पादन कर सकें।
नई पॉलेसी के अंतर्गत प्रदेश ने 2030 तक 10,000 मेगावाट जल विद्युत लगाने का लक्ष्य रखा है। वहीं, इस अवधि में ही 20,948 मेगावाट उर्जा उत्पादन का लक्ष्य है।
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