हिमाचल

हिमाचल सरकार हर मोर्चे पर फेल: जयराम ठाकुर

हिमाचल सरकार हर मोर्चे पर फेल, केंद्र की योजनाओं के सहारे चल रहा प्रदेश: जयराम ठाकुर

केंद्र सरकार नारी शक्ति वंदन क़ानून ला रही है, कांग्रेस सरकार झूठे वादे कर रही है

दूसरे बजट और विधान सभा में सरकार की बातों से साफ़ है सरकार नहीं चाहती है प्रदेश का विकास

दो दिन पहले एम्स में करोड़ों की आधुनिक मशीनें, कल अत्याधुनिक सीसीयू का शिलान्यास 

 शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश सिर्फ़ केंद्र की योजनाओं के सहारे आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में विकास के जो भी काम चल रहे हैं वह केंद्र द्वारा ही चलाए जा रहे हैं। राज्य सरकार हर मोर्चे पर नाकाम हो गई है।

हवा-हवाई बातों के अलावा सुक्खू सरकार कुछ नहीं कर रही है। केंद्र सरकार एक तरफ़ मातृशक्ति को विधायिका में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए नारी शक्ति वंदन क़ानून लेकर आई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्र सरकार की योजनाओं को महिला केंद्रित करके देश की करोड़ों महिलाओं को लाभ दे रही है।

वहीं हिमाचल की सुक्खू सरकार नारी सम्मान निधि न देने के बहाने खोज रही है। ऐसी जगहों से योजना की शुरुआत करने की घोषणा कर रही है जहां पर महिलाओं की संख्या अंगुलियों पर गिनी जा सके। जबकि वादा 23 लाख महिलाओं को देने का था। यह बात उन्होंने बीजेपी के संगठनात्मक ज़िला महासू के रोहड़ू मण्डल में महिला मोर्चा के कार्यक्रम में कही।

जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सरकार किसी भी विषय को लेकर गंभीर नहीं हैं। बल्क ड्रग और मेडिकल डिवाइसेज पार्क के मामले में सरकार द्वारा अपरिपक्वता के साथ काम किया जा रहा है। उद्योग और विकास विरोधी काम करके प्रदेश को आत्मनिर्भर नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से हर दिन प्रदेश में किसी न किसी प्रकार की मदद मिल रही है.

नई-नई योजनाएँ आ रही हैं। एक दिन पहले हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एम्स बिलासपुर में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने वाली मशीनें समर्पित करके गये हैं और अब एक दिन बाद प्रधानमंत्री ऊना में अत्याधुनिक क्रिटिकल केयर अस्पताल की आधारशिला रखने जा रहे हैं। यह अस्पताल गंभीर अवस्था के मरीज़ों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सुक्खू सरकार के दूसरे बजट से साफ़ है कि यह सरकार गंभीरता से काम नहीं कर रही  है और न ही प्रदेश को विकास की राह पर ले जाने की कोई मंशा है। बजट सरकार के संकल्पों की सिद्धि का रोडमैप होता है लेकिन सुक्खू सरकार का बजट तो पहले बजट की कॉपी भर है.

जिसमें घोषित योजनाएं जमीन पर उतारे जाने के लिए सरकार की राह देख रही हैं। अब सरकार के भीतर से लेकर जनता के अंदर से एक ही आवज आ रही है कि इस सरकार के बस का कुछ नहीं हैं। हर तरफ़ निराशा का माहौल है।

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