विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के सरकारी कर्मचारियों के प्रति देनदारी को पूरा करने के लिए जयराम सरकार ने एकमुश्त 2500 करोड़ लोन उठाने का फैसला किया है. वित्त विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है और जल्द ही एक ऐसा राज्य के कोषागार में होगा. वित्त विभाग ने पिछले सप्ताह इस बारे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को आवेदन किया था. जारी नोटिफिकेशन के अनुसार 2500 करोड़ का लोन चार किस्तों में आएगा.
चार किस्तों में आएगा कर्ज…
ये किस्तें 500 करोड़, 500 करोड़, 700 करोड़ और 800 करोड़ की होंगी. इस लोन को 11 से 15 साल के बीच वापस करना होगा. इससे पहले राज्य सरकार ने वेतन आयोग एरियर की पहली किस्त देने के लिए 1000 करोड़ का लोन लिया था. अब 2500 करोड़ और आ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद एरियर की दूसरी किस्त या महंगाई भत्ते की लंबित किस्त में से कोई एक का ही भुगतान हो पाएगा.
सोमवार या मंगलवार को केंद्र सरकार से रेवेन्यू डिफिसिट ग्रांट भी सरकार को अपेक्षित है. राज्य में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और अक्तूबर में कभी भी चुनाव आचार संहिता लग सकती है. उससे पहले सरकार चाहती है कि कर्मचारियों का जितना भुगतान लंबित है, उसमें से अधिकतम कर दिया जाए, लेकिन इसके बावजूद वेतन आयोग से संबंधित देनदारियों चुनाव से पहले पूरी तरह खत्म नहीं हो पाएगी.
हाल ही में सरकार ने यूजीसी वेतन आयोग दिया था और फिर पे-रिवीजन रूल्स में संशोधन करते हुए कुछ और 89 श्रेणियों के कर्मचारियों को हायर ग्रेड-पे का लाभ भी दिया है. इन दोनों घोषणाओं को लागू करने के बाद इनका वित्तीय प्रभाव अभी कोषागार पर देखा जाना बाकी है.