Motor Vehicle Act accident claim deadline : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसमें दुर्घटना मामलों में छह महीने की देरी से दायर की गई याचिकाओं को अब मान्य नहीं माना जाएगा। इस फैसले में न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की अदालत ने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण चंबा द्वारा 23 जुलाई 2024 को पारित निर्णय को निरस्त कर दिया।
निचली अदालत ने प्रतिवादियों द्वारा की गई देरी को माफ कर दिया था, लेकिन बीमा कंपनी ने इस पर आपत्ति जताई थी। बीमा कंपनी का कहना था कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166 (3) के तहत किसी भी दुर्घटना के लिए आवेदन छह महीने के भीतर करना आवश्यक है, उसके बाद किसी आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
इससे पहले, 1988 के मोटर वाहन अधिनियम में एक प्रावधान था कि यदि आवेदन में देरी हो जाती थी तो भी याचिका दायर की जा सकती थी, लेकिन 2019 में इस नियम में संशोधन किया गया। अब, 2022 से लागू धारा 166 (3) के तहत दावेदार को छह महीने के भीतर आवेदन करना होगा, अन्यथा आवेदन मान्य नहीं होगा।
इसके अलावा, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घंडल (शिमला) की ओर से 8 जनवरी 2024 को जारी किए गए दैनिक वेतन भोगी के नए भर्ती विज्ञापन पर भी हिमाचल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। विश्वविद्यालय ने 31 दिसंबर 2023 को मौखिक रूप से 43 दैनिक वेतन भोगियों की सेवाएं समाप्त कर दी थीं। इसके बाद, विश्वविद्यालय ने 8 जनवरी 2024 को विभिन्न श्रेणियों में माली, प्लंबर, स्वीपर, इलेक्ट्रीशियन और ड्राइवर के पदों के लिए नए विज्ञापन जारी किए थे। इस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है, और अब मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।



