Follow Us:

हाईकोर्ट का आदेश, हिमाचल के सभी सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक से लगे हाजिरी

डेस्क |

हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक सरकारी दफ्तर से लेकर बोर्डों-निगमों व पीएसयू के दफ्तरों और विश्वविद्यालयों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति पर नज़र रखने के लिए एक सरकारी आदेश जारी हुआ है.

मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में राज्य के सभी सरकारी विभागों सहित बोर्डों-निगमों व पीएसयू के दफ्तरों और सरकारी विश्वविद्यालयों में स्टाफ की बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी लगानी अनिवार्य होगी.इस सम्बंध में मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मण्डलायुक्तों, मण्डलाध्यक्षो, प्रबंध निदेशकों, निदेशकों, बोर्डों व निगमों के पंजीयकों एवं सचिवों और सरकारी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों को निर्देश दिए हैं.मुख्य सचिव ने प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा एक मामले में आए आदेश का हवाला देते हुए बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने को कहा है.

आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि सभी सरकारी विभागों को अपने स्टाफ को बायोमेट्रिक हाजिरी की व्यवस्था को सुनिश्चित करना होगा और इसमें किसी तरह की कोताही स्वीकार्य नहीं होगी.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बुधवार को मुख्य सचिव को आदेश दिए हैं कि सभी सरकारी कार्यालयों, बोर्डों व निगमों में बायोमीट्रिक मशीन से कर्मचारियों की शत प्रतिशत हाजिरी शुरू करें.बायोमीट्रिक मशीन के उपयोग को फिर से शुरू करने में विफल रहने पर फटकार लगाते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की कि सरकार अभी भी “सोई हुई प्रतीत होती है”.कोर्ट ने जल्द से जल्द व्यवस्था को फिर से सक्रिय करने का निर्देश दिया.

न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने उस याचिका पर आदेश पारित किया, जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति का विवरण मांगा गया था.कोर्ट ने विभाग को सुबह 10.05 बजे तक विवरण जमा करने का निर्देश दिया था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहा.

पीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अपने सभी मंत्रालयों, उपक्रमों और राज्य सरकार के कार्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन को फिर से सक्रिय करने का निर्देश दिया है, लेकिन हिमाचल में ऐसा नहीं हो पाया.कोविड संकट के दौरान बायोमीट्रिक मशीन से हाजिरी को सरकारी कार्यालयों में बंद दिया गया था.