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हिमाचल प्रदेश मेडिकल अफसर संघ ने सरकार से की मांग

नवनीत बत्ता |

हिमाचल प्रदेश मेडिकल अफसर संघ के महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने आज कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के कैबिनेट मीटिंग में पारित होने के बावजूद जो हमारे डॉक्टर्स 31 मार्च को अपने 3 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं वह आज दिन तक रेगुलर नहीं हो पाए हैं ।  जबकि अन्य विभागों के लोग ऑर्डर आने के बाद ,अपना मेडिकल करवाने के बाद, नियमित रूप से ज्वाइन भी कर चुके हैं जो दर्शाता है कि हमारे स्वास्थ्य विभाग के प्रति कितनी गंभीरता इस महामारी के समय में बरती जा रही है । संघ के महासचिव ने कहा कि  एक तरफ तो पूरे भारतवर्ष में स्वास्थ्य कर्मियों की लिए फूल बरसाए जा रहे हैं लेकिन कई जगहों पर इसके विपरीत स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार देखने को मिल रहा है जिसकी शिकायत  समय-समय पर पुलिस प्रशासन को करी जा रही हैं, लेकिन उसके बावजूद भी किसी तरह की कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई जा है ।पिछले 1 महीने के अंदर पांच महिला चिकित्सा अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें जगह-जगह प्रदेश में पुलिस स्टेशन पर दी गई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर उसमें कुछ भी नहीं हुआ जबकि दूसरी तरफ जब स्वास्थ्य कर्मियों पर केस करने की बात आई तो उसमें बिल्कुल भी देरी नहीं की गई और तुरंत सुंदरनगर  के स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई ।

सरकार से हमने आज से करीब 50 दिन पहले आग्रह किया था कि हमारे स्वास्थ्य कर्मियों को केंद्र सरकार के तय मानकों की पीपी ई किट उपलब्ध करवाई जाएं जिसमें के मैनुफैक्चरर्स का नाम और साथ में आईएसओ सर्टिफिकेशन का स्टिकर, अंदर लगा हो ।इसके अलावा हमने गुजारिश करी थी कि सारी लेवल पर स्वास्थ्य कर्मियों को पी पी ई  भेजी जाएं क्योंकि बहुत से प्रदेशों में ऐसा देखने में आ रहा है कि बहुत से स्वास्थ्य कर्मी घटिया पीपीई की वजह से करोना से पीड़ित हो रहे हैं।संघ के सदस्यों ने तो यहां तक कहा था कि सैलरी 1 दिन की बजाय जितनी काटनी हो काट ली जाए, लेकिन  पीपीई जो है वह अच्छी क्वालिटी की नहीं मिल पा रही है, और ना ही वह पर्याप्त मात्रा में मिल पा रही है ,तो फिर वेतन में कटौती  किस बात की।स्वास्थ्य संस्थानों को पीएचसी तक धन मुहैया करवाना चाहिए ताकि आपातकालीन सिथति मेंखुद कुछ पीपीई का प्रबंध कर सकें।
महासचिव ने कहा कि सरकार को  चिकित्सक दंपतियों का भी विशेष ध्यान रखते हुए पति या पत्नी में से किसी एक की कोविड़ ड्यूटी लगाने के आदेश देने चाहिए कि एक समय में एक अपने परिवार की भी देखभाल कर पाए।
 संघ के सदस्यों में भारी रोष है के की चिकित्साअधिकारियों को  सिर्फ सीयूजी  प्लान के तहत फोन का मासिक भत्ता मिलता है , जबकी अब कई जगह नेटवर्क न होने कि वजह से डॉक्टर के पास दुसरे नेटवर्क कंपनी के सिम हैं,इसलिए सरकार डॉक्टर के नाम पे टेलीफोन अलाउंस दे ,ना कि सिम के नाम से । वहीं  टेलीफोन भत्ते के नाम पर दूसरे विभागों को रेवड़ीयं  बांटी जा रही हैं।संघ के सदस्यों का कहना है कि जो बीमा करोना वॉरियर्स के लिए 50लाख का मृत्यु के बाद घोषित किया गया है ,उसके साथ ही संघ ने प्रार्थना की थी कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों को यह भी आश्वस्त किया जाए कि उनकी सेवाओं को नियमित किया जाएगा और किसी भी अनहोनी में उनकी मासिक वेतन उनके आश्रितों को उनकी रिटायरमेंट तक दिया जाए और उसके बाद पारिवारिक पेंशन की  घोषणा की जाए।