पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में मानसून की बरसात ने इस बार जुलाई माह में ही खूब कहर बरपाया है. जुलाई माह में इस बार मानसून की बरसात ने पिछले 17 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा दिया है. 2005 के बाद 2022 में इतनी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. मानसून की बरसात की वजह से प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ आ गई, घर व गौशाला पानी के बहाव में बह गई हैं. कई घरों में मलबा घुस गया है.
आलम यह है कि अभी भी मानसून की बरसात लोगों को डरा रही है. मनाली में बीती रात ब्यास नदी में आई बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है. नदी में बनी एक इमारत भी क्षतिग्रस्त हो गई है जबकि एक अस्थाई पुल भी बह गया.
मौसम विभाग की माने तो अभी आगे भी मानसून की बरसात का सिलसिला बदस्तूर जारी रहेगा. आने वाले दिनों के लिए भी प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही लोगों से नदी, नालों और भूस्खलन से बचने की सलाह दी गई है.
मौसम केंद्र शिमला के निर्देशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि इस बार जुलाई माह में 2005 के बाद ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है. अभी भी जुलाई माह बचा हुआ है. बाकी बचे दिनों में भी प्रदेश में बारिश का क्रम जारी रहेगा और 27 28 को भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है.
पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में जुलाई माह में ही मॉनसून की बरसात ने कहर ढाया है. राज्य में मानसून से भारी जानमाल का नुकसान हुआ है. प्रदेश में मानसून की बारिश से अभी तक 114 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 148 लोग घायल हुए हैं. 6 लोग अभी लापता हैं. 42,276.94 सम्पति का नुकसान हुआ है. इसमें अधिकतर नुकसान लोक निर्माण विभाग को पहुंचा है.
इस दौरान 93 पशु पक्षियों की भी जान चली गई. 212 से ज्यादा घर व दुकानों को बरसात से नुकसान पहुंचा है. 146 गौशाला बह गई. 114 मौतों में से सबसे ज्यादा 61 मौतें वाहन दुर्घटनाओं से हुई हैं. सांप के काटने से 13 मौत हुई, अन्य मौतें करंट लगने, बाढ़ या लैंड स्लाइड की वजह से हुई हैं.