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दो साल बाद होंगे हिमाचल में नवगठित नगर निकायों के चुनाव!

नवगठित नगर निकायों के चुनाव टल सकते हैं
अध्यादेश को राज्यपाल ने दी मंजूरी
➤ दो साल में चुनाव नहीं तो प्रशासक की तैनाती



हिमाचल प्रदेश में नवगठित नगर निकायों के चुनाव को लेकर बड़ा बदलाव सामने आया है। राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1994 में संशोधन करते हुए एक नया अध्यादेश लागू किया है, जिसे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के तहत, नई बनी नगर परिषदों, नगर पंचायतों और नगर निगमों के गठन के बाद दो साल के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य होगा। यदि इस समय सीमा में चुनाव नहीं होते हैं तो वहां प्रशासक की तैनाती की जाएगी।

अध्यादेश को प्रधान सचिव (विधि) शरद कुमार लगवाल ने अधिसूचित कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में इस समय कुल 73 नगर निकायों के चुनाव होने हैं, जो अगले साल की शुरुआत में प्रस्तावित हैं। हालांकि, इस नए प्रावधान के लागू होने से नई नगर परिषदों के चुनाव आगे भी टल सकते हैं।

गौरतलब है कि यह अध्यादेश विधानसभा के मानसून सत्र से ठीक पहले लाया गया है और इसे सदन में पेश कर पारित करने की तैयारी है। राज्य निर्वाचन आयोग पहले से ही मतदाता सूची तैयार करने, कर्मचारियों की ड्यूटी शेड्यूल तय करने और पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुटा है। वहीं, 30 से ज्यादा नगर निगम, नगर पंचायत और नगर परिषद के कार्यकाल अगले साल जनवरी में समाप्त हो रहे हैं। ऐसे में यह बदलाव चुनावी प्रक्रिया को सीधे प्रभावित कर सकता है।