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पहचान संस्था के दिव्यांग बच्चे तैयार कर रहे मोमबत्तियां, मोबाइल किट व KEY होल्डर

जसबीर कुमार |

जिला हमीरपुर की पहचान संस्था पिछले 7 वर्षो से दिव्यांग बच्चों को सक्षम बनाने का कार्य कर रही है. पहचान संस्था के शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चे मोमबत्तियों से लेकर मोबाइल किट तैयार कर रहे हैं. सामाजिक पहचान संस्था इन बच्चों को सक्षम बनाने के लिए बीड़ा उठाया है और इनके द्वारा तैयार किए गए उत्पाद दीपावली पर्व पर बाजारों में बिकेगा. इन बच्चों में कुछ तो ऐसे हैं जो ठीक से ना तो सुन पाते हैं ना ही बोल पाते हैं और कुछ तो मानसिक रूप से भी दिव्यांग है लेकिन जिस सफाई से यह विशेष बच्चे इन उत्पाद को तैयार कर रहे हैं वह कार्य तो काबिले तारीफ है.

विशेष बच्चों के द्वारा तैयार किए गए सामान को संस्था की ओर से बाजारों में प्रदर्शनी लगाई जाती है और यह प्रदर्शनी लोगों के लिए एक अर्कषक केंद्र बन जाती है जिससें लोग अर्कषक होकर खरीददारी करते हैं.

बता दे कि पहचान संस्था शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को स्पीच थेरेपी, फिजियोथैरेपी, व्यावहारिक रूप से सक्षम बनाने, स्पेशल एजुकेशन टेक्निक, वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से इन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. दीपावली पर्व के उपलक्ष्य में बच्चे के द्वारा तैयार किए उत्पादों में मोमबत्तियां , सजावटी दीये , शगुन के लिफाफे की प्रदर्शनी गांधी चौक हमीरपुर में लगाई जाएगी. वहीं इस वर्ष बच्चों ने मोमबत्तियों के साथ तोरन , झुमर, मोबाईल किट , की होल्डर आदि सामान संस्था के विशेष बच्चों में अक्षित, आदित्य अभिषेक, दिव्यांश, शुभम, सुपर्व , प्रिया, अदिति, शिवानी और नितिन ने बनाया है . जिसे संस्था दीपावली पर्व के उपलक्ष्य में प्रदर्शनी लगा कर बेचेंगे .

पहचान संस्था की प्रबंधक चेतना शर्मा ने बताया कि संस्था पिछले 7 वर्षों से शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को सक्षम बनाने के लिए बीड़ा उठाया है. उन्होंने कहा कि संस्था शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को स्पीच थेरेपी, फिजियोथैरेपी, व्यावहारिक रूप से सक्षम बनाने, स्पेशल एजुकेशन टेक्निक, वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से इन बच्चों को आत्मनिर्भर बना रही है . उन्होंने बताया कि विशेष बच्चों के द्वारा जो समान तैयार किया जा रहा है उस सामान को संस्था बेच कर बच्चों के इस्तेमाल होने वाला सामान खरीदा जाता है. संस्था के स्पेशल एजुकेटर में शिखा, अमिषा , गीतांजलि, साक्षी अक्षम बच्चों को सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं.