जिला सिरमौर के दुर्गम शिलाई विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों ने ऐसा काम कर दिखाया है कि उनकी हिम्मत को देख हर कोई सलाम करने को मजबूर हो गया है। दरअसल भटरोग गांव के ग्रामीणों ने सरकार से दुखी होकर खुद ही पहाड़ काटकर पैदल रास्ता बना डाला। विभाग की लापरवाही से अब सड़क तो दूर की बात वहां पैदल जाने का रास्ता भी नहीं था।
ग्रामीणों ने बताया कि हिमाचल के निर्माता और प्रथम मुख्यमंत्री डॉक्टर वाईएस परमार ने 1971 में सतौन से डाकपत्थर के लिए भटरोग से होते हुए सड़क बनवाई थी। विभाग की बेरूखी के कारण सड़क का अस्तित्व ही खत्म हो गया। भटरोग से हर रोज स्कूली बच्चे सतौन के लिए स्कूल जाते हैं लेकिन खतरनाक रास्ता होने के कारण अभिभावकों को हमेशा डर लगा रहता है।
बरसात के समय एक तरफ गिरी नदी और दूसरी तरफ खतरनाक रास्ता होने से बच्चे स्कूल ही नहीं जाते। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार दोनों राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से सड़क बनाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन आज तक किसी ने भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है, जिस कारण ग्रामीणों को खुद ही गांव के लिए पैदल रास्ता बनाना पड़ा।