धर्म की स्वतंत्रता विधेयक 2022 में संसोधन के खिलाफ दलित शोषण मुक्ति मंच व प्रदेश भर के दलित संगठन शिमला में उपायुक्त कार्यालय के बाहर जुटे ओर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उपायुक्त कार्यालय से राजभवन तक रैली निकाली ओर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर विधेयक को निरस्त करने की मांग की.
दलित शोषण मुक्ति मंच के राज्य संयोजक जगत राम ने कहा कि धर्मान्तरण विरोधी विधेयक 2022 सदन में लाया गया जो दलित विरोधी हैं. यह दलित समाज पर मनुवादी सोच का हमला हैं. यह सवेधानिक स्वतंत्रता के साथ धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला हैं. धर्म परिवर्तन संवेधानिक अधिकार हैं. अम्बेडकर ने भी धर्म परिवर्तन किया.
संसोधन के बाद इसमें सजा ओर जुर्माने का प्रावधान किया हैं. कोई एससी अगर धर्म परिवर्तन करता हैं तो उसको आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. दलितों के साथ पहले ही छुआछूत को लेकर दुर्व्यवहार किया जाता हैं. यह बर्दास्त नहीं किया जाएगा. यह संसोधन विधेयक अगर निरस्त नहीं किया जाता हैं तो प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा.
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