हिमाचल

कहीं टिकट कटने पर छलका दर्द, कहीं वोट के लिए निकले आंसू, ऐसे कैसे पार होगी भाजपा की नैया?

हिमाचल प्रदेश में चुनावी घमासान जैसे -जैसे चरम की ओर जा रहा है. वैसे -वैसे नेताओं के अलग अलग अंदाज़ देखने को मिल रहे हैं. चुनावी समर के बीच भाजपा में आंसुओं का सैलाब उमड़ रहा है. मतदाताओं को रिझाने के लिए नेता साम, दाम, दंड, भेद का सहारा लेने से भी पीछे नही हैं. चुनाव में आंसुओं की बाढ़ भी आने लगी है. चुनावी घड़ी में मंच से भाजपा के नेता अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं. 5 साल प्रदेश में भाजपा की सरकार रही बावजूद इसके आंसू बहाकर जनता से वोट मांगने पड़ रहे हैं. हिमाचल में कहीं जनता के सामने वोट के लिए आंसू बहाए जा रहे हैं, तो कहीं टिकट ना मिलने का दर्द छलक रहा है.

सबसे पहले बात कुल्लू की कर लेते हैं जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की मौजूदगी में महेश्वर सिंह फूट-फूट कर रोने लगे. जनसभा में आंसुओं का सैलाब भाजपा के लिए था या भाजपा के विरोध में यह तो कुल्लू की जनता तय करेगी लेकिन पुत्र मोह में टिकट से हाथ धोने वाले महेश्वर सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने अपने आंसू नहीं रोक पाए. यहां गौर रहे की बंजार विधानसभा क्षेत्र से महेश्वर सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने की जिद्द पिता को कुल्लू में भारी पड़ गई. भाजपा ने टिकट देकर वापिस ले लिया, जिसका दर्द आंसू बनकर छलक पड़ा.

उधर चंबा के चुराह विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा के उपाध्यक्ष हंसराज भी मंच में आंसू बहाते नजर आए. हंसराज इस कार्यकाल में विवादित बयानों की वजह से काफी सुर्खियों में रहे. उनको लग रहा है कि जनता उनसे नाराज है. इसलिए शायद आंसुओं के सहारे नैया पार लग जाए. हां ये अश्क उनके राजनीतिक भविष्य को कहां ले जायेंगे यह देखने वाली बात होगी.

यही नहीं शिमला के रोहडू में भाजपा की उम्मीदवार शशि बाला भी मंच पर आंसू नही रोक पाई और फूट-फूट कर रोने लगी. रुंधे गले से कहने लगी की उनको बदनाम करने की कोशिश की गई, ताकि उनकी छवि खराब हो सके. शशि वाला पर तबादले कराने सहित अपने ही कार्यकर्ताओं को धमकाने के आरोप हैं. पिछली बार भी भाजपा ने शशि बाला को रोहडू का टिकट दिया था लेकिन वह हार गई थी. वैसे रोहडू सीट कांग्रेस का गढ़मानी जाती है, ऐसे में शशि बाला दूसरी बार अपने सिर पर हार का दंश नहीं झेलना चाहती है. यही वजह है कि वह आंसुओं के सहारे नैया पार लगाने की जुगत में हैं.

इससे पहले नामकांन के दिन सुजानपुर में अनुराग ठाकुर भी भरी सभा में आंसू नही रोक पाए थे. 2017 में पिता प्रेम कुमार धूमल की हार व इस बार टिकट ना मिलने का रंज इस तरह छलकेगा ये किसी को ईलम नहीं था. 2017 में भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में चुनाव लड़ा. भाजपा तो जीती लेकिन उनका मुख्यमंत्री चेहरा सुजानपुर से अपने ही चेले राजेंद्र राणा से हार गया.

यही नहीं भाजपा सरकार में मंत्री रहे पंडित सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा जब मंडी में फ़िर से चुनावी मैदान में उतरे तो आंसुओं के सहारे सहानुभूति बटोरने में लग गए. ये पहला मौका है जब अनिल शर्मा अपने पिता स्वर्गीय पंडित सुखराम के बिना चुनावी मैदान में हैं. 2017 में कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा में शामिल हुए अनिल शर्मा को मन्त्री पद तो मिला लेकिन पुत्र मोह में अंधे अनिल शर्मा को मंत्री पद गंवाना पड़ा. वजह पुत्र आश्रय शर्मा का कांग्रेस की टिकट पर मंडी सांसद का चुनाव लड़ना था.

Vikas

Recent Posts

ध्रोबिया में सड़क निर्माण से खुशी की लहर, पूर्व विधायक काकू ने दिया विकास का संदेश

Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…

3 hours ago

पर्यटन निगम को राहत: 31 मार्च तक खुले रहेंगे 9 होटल, हाईकोर्ट का फैसला

High Court decision Himachal hotels: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राज्य सरकार और पर्यटन विकास निगम…

4 hours ago

एनसीसी दिवस: धर्मशाला कॉलेज में 75 यूनिट रक्तदान, नशा मुक्ति का संदेश

NCC Day Dharamshala College: धर्मशाला स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीपीजीसी) में एनसीसी दिवस के उपलक्ष्य…

5 hours ago

शनिवार से कुंजम दर्रा यातायात के लिए पूरी तरह बंद , नोटिफिकेशन जारी

Kunzum Pass closed: हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले को जोड़ने वाला कुंजम दर्रा…

5 hours ago

महाराष्ट्र-झारखंड नतीजों के बीच शिमला में राहुल और सोनिया गांधी

Rahul Gandhi in Shimla: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी…

5 hours ago

मां का खौफनाक कदम: दो बच्चों की हत्या कर खुदकुशी करनी चाही पर नहीं आई मौत

Mother murders children in Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर थाना क्षेत्र…

6 hours ago