हिमाचल विधानसभा के कल से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले पीठासीन अधिकारी विपिन सिंह परमार की अध्यक्षता में आज सर्वदलीय बैठक शुरू हो चुकी है. परंपरा के अनुसार इस बैठक में सभी दलों को बुलाया गया है. इसमें सदन के दौरान सार्थक चर्चा और उच्च परंपरा को बनाए रखने की अपील की जाएगी, ताकि सत्र में जनता की ससमस्याओं को सदन में उठाया जा सके.
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने बताया कि आज सभी दलों की बैठक बुलाई है. इसमें सभी सदस्यों से विधानसभा की उच्च परंपरा का सम्मान करते हुए नियमों की परिधी में रहते हुए चर्चा में रचनात्मक सहयोग की अपील की है. इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज सहित मुख्य सचेतक विक्रम जरियाल भी मौजूद हैं. इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और राकेश सिंघा भी बैठक में मौजूद हैं.
गौरतलब है कि मौजूदा जयराम ठाकुर सरकार का आखिरी विधानसभा सत्र कल से शुरू हो रहा है. इसके हंगामेदार रहने के आसार हैं. चुनावी साल में विपक्ष आक्रामक रूख अपनाएगा. बेहद छोटे सत्र के बावजूद सदस्यों ने 367 प्रश्न पूछे हैं. इनमें 50 फीसदी से ज्यादा प्रश्न शिक्षा, स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग से जुड़े हुए हैं. सदस्यों ने शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थानों में रिक्त पड़े पदों के मुद्दों को सदन में उठाने को ज्यादा तरजीह दी है. इसके साथ ही विधायक अपने संबधित मामले भी उठाएंगे. लिहाजा इस मसले को लेकर सदन में गरमाहट देखने को मिल सकती है और विपक्ष इन मुद्दों को आक्रामक ढ़ग से उठाकर कर सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश कर सकता है.
इसी तरह कई सदस्यों ने महंगाई, बेरोजगारी, सड़कों की खस्ता हालत, अदालतों में अटकी सैकड़ों भर्तियों, ओल्ड पेंशन स्कीम, कर्मचारियों के मुद्दे और पुलिस पेपर लीक मामले में भी सत्तारूढ़ भाजपा सरकार सवाल किए हैं. कुछ विधायकों ने राज्य की माली वित्तीय हालत के दृष्गिटत कर्ज को लेकर भी सवाल पूछे हैं. चुनावी साल में कर्मचारियों को सरकार से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं.
कांग्रेस पार्टी राज्य में सरकार बनने पर OPS बहाली का दावा पहले ही कर चुकी है. लिहाजा इस मसले पर सदन में गरमाहट देखने को मिलेगी और विपक्ष इन मुद्दों को आक्रामक ढंग से उठाकर सत्तापक्ष को घेरने की पूरी कोशिश करेगा.