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बीजेपी से निष्कासित बागियों की हुई घर वापसी, 45 कार्यकर्ताओं की सदस्यता हुई बहाल

डेस्क |

उपचुनाव में भाजपा से निष्कासित जुब्बल कोटखाई के 45 कार्यकर्ताओं की प्राथमिक सदस्यता बहाल कर दी गई है. जिसमें दस कार्यकर्ताओं को दो दिन पूर्व भाजपा में शामिल किया गया था. जबकि 35 अन्य निष्कासित पूर्व पदाधिकारियों को भी भाजपा में शामिल कर दिया गया है. ये सभी चेतन बरागटा के कट्टर समर्थक माने जाते हैं, जिन्हें फिर से भाजपा में शामिल कर दिया है. चेतन बरागटा सहित समर्थकों की वापसी से जुब्बल कोटखाई में एक बार फिर भाजपा मजबूती के साथ खड़ी हो जाएगी.

चेतन बरागटा वर्तमान समय में जिला शिमला में सबसे पापुलर नेता नज़र आ रहे हैं. जिसका भाजपा चुनाव में सीधे तौर पर चेतन बरागटा को आगे रखकर लाभ लेना चाहती है. देर शाम शनिवार को भाजपा जिला अध्यक्ष अजय श्याम ने 35 लोगों की सदस्यता बहाल करने की अधिसूचना जारी की है.

भाजपा जिला अध्यक्ष अजय श्याम ने बताया कि पार्टी की शीर्ष नेतृत्व के आदेशानुसार जुब्बल कोटखाई में पार्टी से निष्कासित सभी पूर्व पदाधिकारियों की भाजपा में सदस्यता बहाल कर दी गई है. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर भाजपा को विजय बनाने का कार्य करेंगे.

पार्टी पदाधिकारी गोपाल जबबैईक, यश्वीर जस्टा, रावेंद्र चौहान, कृष्ण चंद मांटा, अशोक चौहान, सतीश पिरटा, बलबीर ठाकुर, अशोक जस्टा, राम प्रकाश जगीथटा, सुरेंद्र धौल्टा, देवेंद्र श्याम, इंद्र चौहान, महावीर झगटा, अंकुश चौहान, राजेश चौहान, अनिल काल्टा, वीरेंद्र चौहान, जतिन चौहान, नरेंद्र चौहान, निक्कम सिंह बाल्टू, वेद शर्मा, मनोज सुंटा, मोहिंदर झगटा, अजय बिष्ट, रिंकु परवीन चौहान, किताब सिंह नेगी, श्याम, संदीप गांगटा, अन्नत लाल केस्टा, सतीश हेमटा, काकू, मोती लाल, शक्ति सिंह, रविंद्र रावल, राजेंद्र चौहान, चेतन कड़ैक, सुशील कदशोली, हितेश साकरा, पूनम मोख्टा, नैना तनेटा, रजनी सलाकटा, रूबजा नेपटा, मिनाक्षी मांटा, विजेता खिमटा, पिंकी कोटवी की प्राथमिकता सदस्यता फिर से बहाल की है.

भाजपा आईटी सेल के पूर्व प्रदेश संयोजक चेतन बरागटा ने कहा कि हमारे सभी साथियों की भी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता बहाल होने से मैं खुश हूं. जिसके लिए उन्होंने दिल की गहराई से संगठन का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सभी कार्यकर्ता मेरे सुख दुःख में हमेशा साथ खड़े रहे हैं उनका ऋण में कभी नहीं चुका पाऊंगा.