हिमाचल प्रदेश की नवनिर्वाचित कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने पूर्व जयराम सरकार का एक और फैसला पलट दिया है. नई सरकार ने प्रदेश में बिजली बोर्ड के 12 विद्युत मंडल और तीन ऑपरेशन सर्कल डिनोटिफाई कर दिए हैं. वहीं, इन मंडलों में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती के बारे में जल्द फैसला लिया जाएगा. विभग के चीफ इंजीनियर से इन डिवीजनों और सर्कल की रिपोर्ट मांगी है. इससे पहले जयराम के ड्रीम प्रोजेक्ट मंडी हवाई अड्डे के सामाजिक सर्वेक्षण की एजेंसी बदलने के बाद अब शिवा प्रोजेक्ट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कार्यालय को बंद करने का फरमान दिया था.
इसके अलावा उप पुलिस अधीक्षक पदम सिंह ठाकुर की पुनर्नियुक्ति भी रद्द कर दी गई है. शिवा प्रोजेक्ट का प्रदेश का पहला कार्यालय भाजपा सरकार में सबसे पावरफुल कैबिनेट मंत्री रहे महेंद्र सिंह के हलके धर्मपुर के सिद्धपुर में चल रहा था. इस कार्यालय में उप निदेशक समेत 13 अधिकारियों और कर्मचारियों को शिमला ज्वाइन करने के आदेश दिए गए हैं. एक्सीलेंस कार्यालय के अधीन खुंब केंद्र भी आता था. कार्यालय की अधोसरंचना विकसित करने के लिए करीब 120 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. बीते 27 अगस्त को इस कार्यालय ने काम करना शुरू किया था.
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