सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार के गठन के बाद सोमवार को पहला बड़ा फैसला लिया. सचिवालय में विधायक दल की बैठक में सीएम ने हिमाचल भवन चंडीगढ़ और हिमाचल सदन दिल्ली में विधायकों के ठहरने के लिए दिए जाने वाले टैरिफ को बढ़ाने पर चर्चा की है. इस दौरान फैसला लिया कि हिमाचल भवन चंडीगढ़ और हिमाचल सदन दिल्ली में विधायक कमरों का आम नागरिक की तरह किराया चुकाएंगे. विधायकों की मिलने वाली रियायत खत्म की जाएगी. सीएम ने कहा कि कांग्रेस विधायकों की बैठक में फैसला लिया गया है कि हिमाचल भवन, सदन में जो जनता से पैसा लिया जाता है. वहीं, विधायकों से लिया जाएगा.
सीएम ने कहा कि विधायक आम नागरिक की तरह सब बकाया भुगतान करेंगे. विधायकों को मिलने वाली सुविधाओं को तुरंत प्रभाव से वापस लिया गया. बता दें कि इससे पहले आम नागारिकों को यहां ठहरने के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं जबकि विधायकों को छूट थी जिसे अब खत्म कर दिया गया है. सीएम ने अधिकारियों की भी मीटिंग ली. इसके बाद हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाएं संघ के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने उनसे राज्य के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए नए उत्साह, समर्पण और प्रतिबद्धता से कार्य करने का आह्वान किया.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अच्छी सरकार के लिए सुशासन आवश्यक है, इसलिए यह अधिकारियों का कर्तव्य बनता है कि वे अपना समय लोगों की शिकायतों के निवारण के लिए समर्पित करें. उन्होंने कहा कि अधिकारी आमजन के जीवन में सुखद परिवर्तन लाने के लिए कार्य करें. उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, विधायक हर्षवर्धन चौहान, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुभासीष पांडा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे.