Himachal power subsidy: हिमाचल प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को अब बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी सीधे उनके बैंक खाते में जमा की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने उपभोक्ताओं के बिजली मीटरों को आधार कार्ड और राशन कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह पहली बार है कि राज्य में बिजली मीटर को आधार और राशन कार्ड से जोड़ा जाएगा, ताकि सरकार सीधे लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचा सके। इस प्रक्रिया के अंतर्गत, प्रत्येक उपभोक्ता को केवल एक मीटर पर सब्सिडी दी जाएगी, जिससे सब्सिडी की सही और पारदर्शी वितरण सुनिश्चित हो सकेगा।
केवाईसी प्रक्रिया और सर्वेक्षण
बिजली बोर्ड ने इस योजना के तहत उपभोक्ताओं की केवाईसी (Know Your Customer) प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए फील्ड में सर्वेक्षण का कार्य अक्तूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बिजली बोर्ड के कर्मचारी घर-घर जाकर मीटर की जानकारी एकत्र करेंगे और इसे बोर्ड की विशेष ऐप में अपलोड करेंगे। उपभोक्ता की फोटो भी ली जाएगी ताकि अनियमितताओं से बचा जा सके।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT)
सरकार ने “डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर” (DBT) योजना के तहत यह सुनिश्चित किया है कि उपभोक्ताओं को एक ही मीटर पर सब्सिडी मिलेगी। वर्तमान में कई उपभोक्ताओं के नाम पर एक से अधिक मीटर लगे हुए हैं और वे सभी मीटरों पर 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली और सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। नई योजना के तहत यह लाभ केवल एक मीटर तक सीमित कर दिया जाएगा। इससे सरकार की सब्सिडी खर्च को भी नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
नवंबर से योजना लागू हो सकती है
सरकार द्वारा यह योजना नवंबर 2024 से लागू की जा सकती है। राज्य के लगभग साढ़े 28 लाख उपभोक्ताओं में से 18 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। वर्तमान में, सरकार की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस तरह के कदम उठाना आवश्यक समझा जा रहा है।