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सुप्रीम कोर्ट ने भूंडा महायज्ञ में पशु बलि पर हिमाचल सरकार को नोटिस जारी किया
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याचिकाकर्ता ने पहले ही प्रशासन को कानूनी नोटिस देकर बलि रोकने की मांग की थी
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सुप्रीम कोर्ट में अब चार सप्ताह बाद होगी मामले की अगली सुनवाई
Supreme Court on Animal Sacrifice: हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू में 2 से 5 फरवरी तक हुए भूंडा महायज्ञ के दौरान पशु बलि की गई, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। इस मामले में न्यायाधीश जेके महेश्वरी और अरविंद कुमार की खंडपीठ ने हिमाचल सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया है। अदालत ने राज्य सरकार से जवाब देने के लिए हलफनामा दायर करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि महायज्ञ से एक सप्ताह पहले ही उन्होंने उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक शिमला और एसडीएम रोहड़ू को कानूनी नोटिस भेजकर पशु बलि पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके बावजूद प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया और नियमों का पालन किए बिना पशुओं की बलि दे दी गई। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को सोशल मीडिया पर वायरल पशु बलि के वीडियो भी उपलब्ध कराए हैं, जो इस प्रथा के खिलाफ सबूत के रूप में पेश किए गए।
हाईकोर्ट पहले ही लगा चुका है रोक
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने वर्ष 2014 में मंदिरों में पशु बलि पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, इस फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में बलि देने की अनुमति को लेकर भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने 2017 में सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर निर्णय लेते हुए कुछ शर्तों के साथ कुल्लू दशहरा में एक निर्दिष्ट स्थान पर पशु बलि देने की अनुमति दी थी।
याचिकाकर्ता का तर्क है कि आधुनिक समाज में पशु बलि देना अमानवीय और असंवेदनशील है। उन्होंने यह भी कहा कि समय बदल गया है, ऐसे में रीति-रिवाजों में भी बदलाव होना चाहिए। उनके अनुसार, रोहड़ू में हुई पशु बलि सुप्रीम कोर्ट के 2017 के आदेशों का उल्लंघन है, जिससे पशु संरक्षण कानूनों की अवहेलना हुई है।