बिलासपुर क्षेत्रीय अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की क्या स्थिति है ये मरीजों से बेहतर और कोई नहीं बता सकता। यहां आए दिन अस्पताल में न तो डॉक्टर टाइम पर पहुंच रहे हैं और न ही मरीज़ों को इमरजेंसी में कोई देखने वाला है।
जी हां, मंगलवार को भी कुछ ऐसा वाक्या बिलासपुर क्षेत्रीय अस्पताल में देखने मिला। यहां सुबह से लोग डॉक्टर के इंतजार में बैठे रहे, लेकिन 12 बजे तक न तो डॉक्टर का नामों-निशान था। आख़िर में तंग आकर महिलाओं ने सीएमओ और अन्य उच्च अधिकारियों से बात की, लेकिन बावजूद इसके कोई समाधान नहीं निकला। परेशान होकर मरीजों ने एसडीएम को फोन लगाया, जिसके बाद प्रशासन ने डॉक्टर की सुविधा मुहैया करवाई।
1 बजे के करीब डॉक्टर बैठा तो लोगों इलाज करवाने के लायक बने। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे कई दफा यहां आ चुके हैं, लेकिन हर बार हमें चक्कर पे चक्कर काटने पड़ते हैं। कभी डॉक्टर नहीं होता, तो कभी सुविधाएं साथ छोड़ जाती हैं। जब भी शिकायत की जाती है तो हो जाएगा का आश्वासन देकर इसे टाल दिया जाता है।
ग़ौरतलब है कि एक ओर जयराम सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं सुदृढ़ करने की बात करती है तो वहीं डॉक्टर की कमी और मनमर्जी लोगों को दिक्कतें दे रही है। हालांकि, सरकार ने डॉक्टर के पद भरने पर मंजूरी दे दी है, लेकिन अभी तक पोस्ट्स की कोई अधिसूचना नहीं निकली। उधर, अस्पताल के उच्च अधिकारियों के ठाठ़ भी नवाबी हैं जो कि इतने मरीज़ों के होते हुए भी कोई कदम नहीं उठा रहे।